झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लैंड स्कैम और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्त में हैं। इसके बाद राज्य में सरकार का भी पुनर्गठन हुआ है। पूर्व सीएम के नजदीकी रहे चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। 5 फरवरी को झारखंड विधानसभा में चंपई सोरेन की सरकार को विश्वास मत हासिल करना है। इसको लेकर अब पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को एक बड़ी राहत मिली है। रांची की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें विश्वास मत के दौरान विधानसभा में भाग लेने की अनुमति दे दी है।
दरअसल, हेमंत सोरेन ने PMLA अदालत में एक याचिका दायर की थी और मांग की थी कि चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली नई सरकार के विश्वास मत में उन्हें भी भाग लेने की अनुमति दी जाए। अब पूर्व सीएम की मांग स्वीकार कर ली गई है। ऐसे में वे 5 फरवरी को विश्वास मत के दौरान वे झारखंड विधानसभा में मौजूद रहेंगे।
बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में काफी भागादौड़ी के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद अदालत ने शुक्रवार को हेमंत सोरेन को बड़ा झटका देते हुए, उन्हें 5 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था। ऐसे में हेमंत सोरेन ने विधानसभा का सदस्य होने के चलते चंपई सोरेन की सरकार के लिए विश्वास मत में भाग लेने की याचिका दायर कर दी थी।
सरकार गिराना है ED का मकसद
इस मामले को लेकर वकील राजीव रंजन ने कहा कि ईडी ने हेमंत सोरेन की इस याचिका पर कोर्ट के समक्ष कड़ी आपत्ति जताई। रंजन ने कोर्ट में कहा कि अब यह मामला सामने आ चुका है, कि ईडी का मकसद जांच करना नहीं, बल्कि नई सरकार के गठन में अड़चनें डालकर सरकार को गिराना है।
वकील राजीव रंजन ने कहा कि जब हेमंत सोरेन जांच में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं, तो फिर सदन की कार्यवाही में शामिल होने के लेकर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इसीलिए हेमंत सोरेन की याचिका अदालत द्वारा मंजूर कर ली गई है।