कोरोना महामारी के संकट में लोगों को तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ताजा मामला झारखंड का है जहां एक 100 साल की महिला को पेंशन पाने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पेंशन पाने के लिए महिला को उसका बेटा पीठ पर लादकर बैंक पहुंचा जहां उसे पेंशन देने से मना कर दिया। हालांकि बाद में शाखा प्रबंधक ने खुद महिला को जनधन खाते की पेंशन सौंपी।
दरअसल, झारखंड के गढ़वा में एक शख्स का कहना है कि उसे अपनी 105 वर्षीय मां को पेंशन के पैसे निकालने के लिए पीठ पर लादकर लाना पड़ा। कोरोना वायरस जांच की रिपोर्ट ना होने के चलते बैंक ने पेंशन देने से इनकार कर दिया।घटना सोमवार की है। गढ़वा जिले के रांका कस्बे में बैंक के बार कोरोना टेस्ट कैंप लगा था जहां लोगों की जांच के बाद ही उन्हें बैंक के अंदर जाने दिया जा रहा था। इस महिला की जांच नहीं हो पाई जिसके चलते इसे बैंक में प्रवेश लेने से मना कर दिया गया।
जन धन खाता से पैसे निकालने गए बिफन भुयान अपनी मां के साथ बैंक गया था। उसे कोई साधन नहीं मिला तो वह कंचनपुर से रांका तक की चार किलोमीटर की दूरी पैदल तय किया। इस घटना की फोटो स्थानीय मीडिया में फैली और बैंक ने भी इस घटना का संज्ञान लिया।
मामला सामने आने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गढ़वा के उपायुक्त को वृद्ध महिला की मदद के निर्देश दिया और कहा कि भविष्य में किसी को ऐसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े यह तय किया जाए। वीजी बैंक के शाखा प्रबंधक ने मंगलवार को भुयान के घर जाकर महिला को 1500 रुपए पेंशन की रकम दी और कहा कि आगे से उसे बैंक आने की जरूरत नहीं पड़ेगी नजदीकी कस्टमर सर्विस प्वाइंट से उसे पेंशन मिल जाएगी।