झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। झारखंड विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे और 23 नवंबर को महाराष्ट्र के साथ यहां भी वोटों की गिनती होगी और नतीजे आएंगे। झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन बनाम एनडीए के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है। हालांकि पिछले 10 सालों में दोनों ही गठबंधनों में दलों की संख्या बढ़ गई है।
NDA और इंडिया गठबंधन में कौन से दल शामिल?
अगर हम इंडिया गठबंधन की बात करें तो इस बार जेएमएम, आरजेडी, कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी शामिल है। लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में जेएमएम, आरजेडी और कांग्रेस ही साथ थे। वहीं अगर एनडीए का जिक्र करें तो इस बार इसमें बीजेपी, आजसू, जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) भी शामिल है। पिछली बार बीजेपी ने अलग चुनाव लड़ा था। इस बार ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा ने अलग लड़ाई लड़ी थी और सभी 81 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि उसके अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने चुनाव के बाद अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय कर दिया। बाबूलाल मरांडी अब बीजेपी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष हैं। इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है।
एनडीए का 2019 में प्रदर्शन
अब हम बात करते हैं एनडीए में शामिल दलों का 2019 में कैसा प्रदर्शन था। 2019 में बीजेपी ने अकेले चुनाव 79 सीटों पर चुनाव लड़ा था और पार्टी को 25 सीटों पर जीत मिली थी। बीजेपी का वोट शेयर 33.37 फीसदी भी था। वहीं चुनाव में बीजेपी की सहयोगी आजसू ने अकेले चुनाव लड़ा था और उसने 53 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। उसका वोट शेयर 8.1 फीसदी रहा था और दो सीटों पर जीत मिली थी। वहीं जेडीयू ने 45 सीटों पर उम्मीदवार उतारा था और उसका वोट शेयर 0.73 फीसदी भी था। जबकि झारखंड विकास मोर्चा ने सभी 81 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था। उसका वोट शेयर 5.45 फीसदी था और उसे तीन सीटों पर जीत भी मिली थी।
2019 में इंडिया गठबंधन का प्रदर्शन
वहीं अगर हम इंडिया गठबंधन की बात करें तो पिछले चुनाव में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी इसमें शामिल थे। जेएमएम ने सबसे अधिक 43 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और 30 सीटों पर पार्टी को जीत मिली थी। जेएमएम का वोट शेयर 18.72 फीसदी भी था। वहीं कांग्रेस ने 31 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे 16 पर जीत मिली थी। कांग्रेस का वोट शेयर 13.88 फीसदी था। वहीं आरजेडी को 7 सीटें मिली थी और उसे केवल एक ही सीट पर जीत मिली थी। आरजेडी का वोट शेयर 2.75 फीसदी भी था। वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने 14 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और एक सीट पर जीत मिली थी। उसका वोट शेयर 1.75% था। इस बार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी इंडिया गठबंधन में है।
एनडीए में अभी जितने घटक दल हैं, अगर उनके पिछले झारखंड चुनाव के वोट परसेंट को मिला दे तो यह लगभग 48% होता है। वहीं इंडिया गठबंधन में अगर कम्युनिस्ट पार्टी का वोट प्रतिशत जोड़ दें तो वह लगभग 37% होता है। ऐसे में अगर पिछले विधानसभा चुनाव के हिसाब से देखें तो एनडीए गठबंधन कागजों पर मजबूत दिख रहा है।
2014 में कैसा था NDA का प्रदर्शन?
वहीं अगर 2014 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं आजसू ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और उसे 5 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। झारखंड विकास मोर्चा ने अलग चुनाव लड़ा था और उसे 8 सीटों पर जीत मिली थी। हालांकि उसके छह विधायक बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे। झारखंड में बीजेपी का 2014 में वोट शेयर 31.26 फीसदी था तो वहीं आजसू का 3.68 फीसदी वोट शेयर था। जेडीयू ने भी अकेले चुनाव लड़ा था और उसका वोट शेयर 6.62 फीसदी था। जबकि झारखंड विकास मोर्चा का वोट शेयर 9.99 फीसदी था।
2014 में इंडिया गठबंधन का प्रदर्शन
वहीं अगर हम इंडिया गठबंधन की बात करें तो 2014 में जेएमएम का वोट शेयर 20.43 फीसदी था। जबकि कांग्रेस का वोट शेयर 10.46 फीसदी था। आरजेडी का वोट शेयर 3.3 फीसदी था जबकि कम्युनिस्ट पार्टी का वोट शेयर 2.4 फीसदी था।