Sattwick Barman

लोकसभा चुनाव होने में कुछ महीने बाकी हैं और जनता दल यूनाइटेड (JDU) शुक्रवार को अपने संगठनात्मक ढांचे के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ले सकता है। हफ्तेभर से चर्चा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पार्टी नेतृत्व की कमान संभाल सकते हैं, मौजूदा जेडीयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के अपने पद से इस्तीफा देने की भी संभावना है। हालांकि सिंह ने इसे अफवाह बताया है। शुक्रवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले सीएम नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा, ‘‘कोई चिंता मत करिए, सब सामान्य है। साल में एक बार बैठक की परंपरा है, तो सामान्य है, ऐसा कुछ खास नहीं है।’’ 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस्तीफे पर नहीं दिया जवाब

मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी इन अटकलों के बाद आई है कि नीतीश के विश्वासपात्र माने जाने वाले राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने की इच्छा जताई है। जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या 29 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली पार्टी की महत्वपूर्ण बैठकों में ललन सिंह के अपने इस्तीफे की औपचारिक पेशकश करने की संभावना है, तो उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया। पिछले साल बीजेपी से नाता तोड़कर बिहार में राजद (RJD), कांग्रेस और वाम दलों के साथ मिलकर महागठबंधन की नई सरकार बना लेने वाले नीतीश से उनके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में वापसी की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। 

बैठक से पूर्व लगे पोस्टरों में नहीं रही ललन सिंह की तस्वीरें, नाम भी गायब

पार्टी हलकों में चल रही अटकलों के मुताबिक जेडीयू के सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ कथित निकटता के कारण ललन सिंह नीतीश के ग्रुप से बाहर हैं। जैसा कि लालमणि वर्मा ने गुरुवार को नई दिल्ली स्थित जेडीयू कार्यालय से बताया, नीतीश और अन्य नेताओं के स्वागत वाले पोस्टरों से ललन सिंह का नाम और तस्वीर गायब थी। ये पोस्टर पार्टी की दिल्ली इकाई की ओर से लगाए गए थे। शाम चार बजे बैठक शुरू होने के करीब आधे घंटे बाद पार्टी कार्यालय परिसर में नया पोस्टर लगा दिया गया। इसमें लेकिन भले ही ललन सिंह की तस्वीर थी, लेकिन वह जेडीयू के दिल्ली अध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार की तस्वीर से छोटी थी।

जेडीयू के सूत्रों ने बताया कि ललन सिंह इस तर्क पर बने रहने की पुरजोर कोशिश कर रहे थे कि उनका इस्तीफा “पार्टी के कमजोर होने का संकेत” होगा और पार्टी और विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए (I.N.D.I.A.) में बाधा उत्पन्न करेगा। पार्टी नेताओं का एक अन्य वर्ग नीतीश को पार्टी का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है ताकि “पार्टी कार्यकर्ताओं को एकतरफा कमान” सुनिश्चित की जा सके।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सुबह करीब 11.30 बजे शुरू होगी और जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक दोपहर 3.30 बजे शुरू होने वाली है।

बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने हाल ही में दावा किया था कि नीतीश कुमार अपने पार्टी चीफ ललन सिंह की अपने सहयोगी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ निकटता से असहज हैं और पार्टी में टूट को लेकर बेचैन हैं। सुशील कुमार मोदी पहले, नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में पूर्व उपमुख्यमंत्री के रूप में काम कर चुके हैं और उन्हें करीब से जानते हैं।