बिहार में सत्तारूढ़ जदयू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘डीएनए’ को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पिछले दिनों की गई टिप्पणी को चुनावी मुद्दा बनाने के इरादे से आज एक लघु नाटिका का मंचन किया, जिसमें भाजपा का डीएनए टेस्ट किया गया, जिसमें राजग सरकार के तहत सांप्रदायिकता, भ्रष्टाचार और जातीयता में एक हजार प्रतिशत की वृद्धि होने का दावा किया गया।

बिहार विधानसभा परिसर स्थित लॉन में आयोजित ‘उपहास कार्यक्रम’ के दौरान जदयू विधायक मंजीत कुमार सिंह एप्रेन पहने और हाथ में सिरिंज लिए एक चिकित्सक की भूमिका में थे, जबकि राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू विधायक सतीश कुमार भाजपा रूपी मरीज की भूमिका में थे।

भाजपा की भूमिका निभा रहे सतीश के इलाज के क्रम में उनके ‘डीएनए’ की जांच की रिपोर्ट के बारे में मंजीत ने बताया कि ‘मोदी पैथो डायेगनॉस्टिक’ में कराए गए इस परीक्षण की रिपोर्ट के अनुसार राजग सरकार के कार्यकाल के दौरान भाजपा के ‘डीएनए’ के विध्वंसकारी परिणाम आए हैं। उन्होंने उक्त रिपोर्ट के बारे में बताया कि राजग सरकार के कार्यकाल के दौरान भाजपा के डीएनए में सांप्रदायिकता, भ्रष्टाचार और जातीयता में हजार प्रतिशत वृद्धि हुई है।

मंजीत ने दावा किया जांच रिपोर्ट में किसानों से जुड़ी समस्याओं, जुमलेबाजी, कालाधन और फेंकू सरकार मामलों में भी कथित तौर पर हजार प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मीडियाकर्मियों की उपस्थिति में इस ‘प्रहसन कार्यक्रम’ में जदयू के अन्य युवा विधायक उदय मांझी, रिषी मिश्र और अशोक सिंह ने नर्स की भूमिका अदा की।

गोपालगंज के बैकुंठपुर से विधायक मंजीत सिंह ने पत्रकारों के सामने इस कथित डीएनए जांच की रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा कि राजग सरकार के कार्यकाल के दौरान भाजपा के डीएनए में संप्रदायिकता, भ्रष्टाचार जातीयता, मंहगाई, किसानों से जुड़ी समस्याएं, जुमलेबाजी, कालाधन और फेंकू सरकार मामलों में एक हजार प्रतिशत की वृद्धि हुई है।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा के डीएनए रिपोर्ट की एक प्रति वे प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपेंगे। जदयू के इस प्रहसन कार्यक्रम से आभास हो रहा है कि आगामी सितंबर-अक्तूबर महीने में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश के डीएनए को लेकर प्रधानमंत्री की टिप्पणी को पार्टी चुनावी मुद्दा बना सकती है।

उल्लेखनीय है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर गत 25 जुलाई को मुजफ्फरपुर जिले में आयोजित एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश के डीएनए में खराबी होने का आरोप लगाया था। गत 5 अगस्त को नीतीश ने मोदी को एक खुला पत्र भेजकर उनके खिलाफ की गई डीएनए में खराबी संबंधी टिप्पणी को वापस लेने को कहा था, जिसके बाद से धर्मनिरपेक्ष गठबंधन और राजग के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था।

बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने जदयू विधायकों द्वारा यह ‘उपहास कार्यक्रम’ राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से आयोजित करने का आरोप लगाते कहा कि प्रधानमंत्री का उद्देश्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजनीतिक डीएनए को उजागर करना था। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यह कार्यक्रम दर्शाता है कि पार्टी भाजपा और उसके राजग सहयोगियों की बढ़ती लोकप्रियता से किस कदर चिंतित और भयाक्रांत है।