बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ ने बिहार में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और राजनीतिक चर्चा छेड़ दी है। यह यात्रा आज शुक्रवार 18 अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसका उद्देश्य हिंदुओं को एकजुट करना है, विशेष रूप से उन्हें जातिगत विभाजन से बचाने का संदेश देना। गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर हिंदू एकजुट नहीं होते, तो उन्हें पड़ोसी देशों में हो रहे अत्याचारों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने विशेष रूप से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की ओर इशारा किया और हिंदू एकता की आवश्यकता पर बल दिया। हालांकि गिरिराज की यात्रा का जेडीयू और पप्पू यादव ने विरोध किया है। बीजेपी ने कहा है कि यह यात्रा पार्टी की ओर से नहीं है। गिरिराज सिंह की यह निजी यात्रा है। जेडीयू नेता श्रवण कुमार ने कहा कि यात्रा से सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका है। पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह इस यात्रा का किसी भी रूप में समर्थन नहीं करेगी।
यात्रा का समापन किशनगंज में 22 अक्टूबर को होगा
इस यात्रा की शुरुआत भागलपुर से हो रही है और इसका समापन किशनगंज में 22 अक्टूबर को होगा। गिरिराज सिंह का कहना है कि यह यात्रा सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि हिंदुओं को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने की एक कोशिश है। उनका आरोप है कि कुछ राजनीतिक दल, विशेषकर कांग्रेस, हिंदुओं को जातिगत आधार पर बांटने की कोशिश करते हैं, जो समाज को कमजोर करता है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “मेरा मानना है कि पूरे देश की जनसांख्यिकी बदल गई है और यह वोट के सौदागरों के संरक्षण में एक सोची-समझी रणनीति है। यह सिर्फ़ साहेबगंज की बात नहीं है, बिहार के पूर्णिया और कटिहार जैसे जिलों में भी बड़े पैमाने पर जनसांख्यिकी बदलाव हुए हैं। 400 जिलों में मुझे चिंताजनक बदलाव दिख रहे हैं। अगर हमारे घर और गांव सुरक्षित हैं, तो देश भी सुरक्षित लगता है। भारत में राष्ट्रविरोधी कानून लाने का अभियान चल रहा है। जब तक हमारे जैसे लोग हैं, हम इसका विरोध करेंगे…।”
गिरिराज सिंह ने चेतावनी दी कि अगर हिंदू एकजुट नहीं हुए तो उन्हें भी पाकिस्तान और बांग्लादेश की तरह अत्याचार झेलने पड़ सकते हैं। उनका कहना है कि इस तरह की यात्राओं का उद्देश्य हिंदुओं को यह सिखाना है कि एकजुटता ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
दूसरी तरफ पप्पू यादव ने इस यात्रा पर विरोध जताते हुए कहा कि इसे समाज में एकता-अखंडता और तालमेल के माहौल को बिगाड़ने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि धार्मिक आयोजनों का दुरुपयोग न हो और समाज में शांति और सद्भावना बनी रहे। पप्पू यादव ने ये भी कहा है कि अगर सीमांचल का सौहार्द बिगड़ा तो यात्रा मेरी लाश से होकर गुजरेगी। वहीं गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, “यह यात्रा ‘धर्म’ की रक्षा के लिए है, हिंदुओं को एकजुट करने के लिए है। यह यात्रा किसी को धमकाने या हिंसा भड़काने के लिए नहीं है। दरअसल, यह यात्रा दंगों को रोकने के लिए है।”