राज्यसभा से विदाई ले रहे मनोनीत सदस्य जावेद अख्तर ने लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर जबर्दस्त हमला बोला। वहीं सत्तारूढ़ भाजपा से अपने विधायकों, सांसदों एवं मंत्रियों पर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाले बयान देने से लगाम लगाने को कहा। उन्होंने ‘भारत माता की जय’ बोलने से इंकार करने वाले ओवैसी के बयान पर विरोध जताते हुए सदन में तीन बार ‘भारत माता की जय’ कहा। अख्तर ने अपने विदाई संबोधन में ओवैसी का नाम लिए बिना उन पर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि आंध्र प्रदेश में एक शख्स हैं जिन्हें गुमान हो गया है कि वह राष्ट्रीय नेता हैं जिनकी हैसियत एक शहर या एक मुहल्ले से ज्यादा नहीं है। वह कहते हैं कि वह किसी भी कीमत पर ‘भारत माता की जय’ नहीं बोलेंगे क्योंकि यह संविधान में नहीं लिखा है।

अख्तर ने कहा कि वह बताएं कि संविधान में शेरवानी और टोपी पहनने की बात कहां लिखी है। उन्होंने कहा, ‘बात यह नहीं है कि भारत माता की जय बोलना मेरा कर्तव्य है या नहीं, बात यह है कि भारत माता की जय बोलना मेरा अधिकार है। मैं कहता हूं- भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।’ इस पर उच्च सदन सदस्यों की तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इसके साथ ही उन्होंने सत्ता पक्ष को भी परोक्ष निशाने पर लिया और कहा कि देश में ध्रुवीकरण और धार्मिक कट्टरता फैलाने की कोशिशों को भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा से कहा कि वह अपने उन विधायकों, सांसदों, राज्य मंत्रियों और मंत्रियों तक को रोके जो नफरत फैलाने वाले बयान देते हैं।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के लातूर ज़िले में एक सभा में ओवैसी ने ऐलान किया था कि भले उनकी गर्दन पर छुरी रख दी जाए, लेकिन फिर भी वह भारत माता की जय नहीं बोलेंगे ।ओवैसी का कहना है कि हमारे संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि भारत माता की जय बोलना जरूरी है। मैं भारत माता की जय नहीं बोलूंगा, इसकी आज़ादी मुझे मेरा संविधान देता है इस मामले में उनके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीआईएल भी दाखिल की गई है। साथ ही देशद्रोह का आरोप भी लगाया गया है।