हाल ही में दिलजीत दोसांझ की प्रधानमंत्री से मुलाकात ने राजनीति और सिनेमा के रिश्ते को नया मोड़ दिया, वहीं कंगना रनौत ने इमरजेंसी फिल्म को लेकर विवादित बयान दिए। योगी आदित्यनाथ ने संगम तट पर मंत्रिमंडल के साथ डुबकी लगाकर सत्ता के मजबूत होने का संकेत दिया। नीतीश कुमार के बेटे निशांत की राजनीति में एंट्री की अटकलें तेज हो गई हैं, जबकि सैफ अली खान की बीमारी को लेकर सोशल मीडिया और राजनीति में सियासत हो रही है। ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने अपनी साधारण शादी को लेकर चर्चा बटोरी, जहां सोशल मीडिया से दूर उन्होंने निजी जीवन की सादगी को प्राथमिकता दी।

सत्ता और सिनेमा

सत्ता और सिनेमा का संबंध लोकप्रियता पर आधारित होता है। अगर आप लोकप्रिय हैं तो सत्ता पक्ष आपको अपने साथ खड़ा देखना चाहेगा। कुछ ऐसा ही हुआ पिछले दिनों दिलजीत दोसांझ के साथ। पंजाबी गीतों के अलावा दोसांझ ने सिनेमा से भी लोगों का दिल जीता है। दिलजीत के कार्यक्रम में उमड़ती भीड़ से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे आयोजकों को कितना मुनाफा देते हैं। पिछले दिनों कुछ मुद्दों पर सरकार के खिलाफ दिलजीत मुखर रहे। इन सबके बीच उनकी प्रधानमंत्री के साथ चौंकाने वाली तस्वीरें जारी हुईं जो चर्चा का विषय बनी। इसी मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल पर ‘इमरजेंसी’ फिल्म की निर्माता व अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा कि वे प्रधानमंत्री से मिलने की इच्छुक हैं लेकिन उन्हें अभी तक मिलने का समय नहीं मिल पाया है। ‘इमरजेंसी’ पर एजंडा फिल्म होने का आरोप लगाते हुए कहा गया कि यह इंदिरा गांधी की छवि को गलत तरीके से दिखाती है। लोकसभा चुनाव जीतने के बावजूद किसान आंदोलन पर आपत्तिजनक बयान देने के कारण कंगना को राजनीतिक बयान देने से किनारे भी कर दिया गया। रपटों के मुताबिक ‘इमरजेंसी’ सिनेमाघरों में ज्यादा कमाई नहीं कर रही है। सत्ता किसी कलाकार को अपने अनुकूल मान उसके पक्ष में तभी खड़ा होता है जब वह लोकप्रिय भी हो। कंगना को ‘इमरजेंसी’ से लोकप्रियता हासिल करने की पूरी उम्मीद है।

डुबकी के निहितार्थ

योगी आदित्यनाथ ने अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ प्रयागराज में संगम तट पर डुबकी लगा कर खुद के मजबूत होने का संकेत दिया। सारे 54 मंत्री एकत्र हुए तो एकता का संदेश भी गया। योगी ने खुद मीडिया के सामने अपने साथ दोनों उपमुख्यमंत्रियों बृजेश पाठक और केशव मौर्य को तो बिठाया ही, सहयोगी दलों के मंत्रियों को भी नाम लेकर आगे बुलाया। आशीष पटेल ने पिछले दिनों बागी तेवर दिखाए थे। पर योगी ने मीडिया के सामने आशीष पटेल और ओमप्रकाश राजभर को नाम लेकर आगे आने को कहा। संजय निषाद को तो उन्होंने निषादराज बोल दिया। इस कवायद से योगी ने पार्टी के भीतर ही नहीं सहयोगियों के साथ भी समीकरण बेहतर होने का संदेश दिया। सरकार के भीतर खटपट की खबरों का चटखारे लेकर बखान करने वाले विपक्ष को योगी ने संदेश दे दिया कि वे पार्टी के सवर्मान्य नेता हैं।

बारी नीतीश पुत्र निशांत की

नीतीश कुमार के बेटे के भी राजनीति में उतरने की अटकलें तेज हो गई हैं। नीतीश कुमार ने अभी तक अपने ऊपर वंशवाद का आरोप नहीं लगने दिया था। नीतीश के पुत्र निशांत पिछले शुक्रवार को उनके साथ साथ दादा की मूर्ति पर माल्यार्पण करने पहुंचे। फिर मीडिया से रूबरू हो गए और सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं देने के बाद मौजूद लोगों से कहा कि हो सके तो पिताजी को, उनकी पार्टी को फिर से सत्ता में लाएं। पिताजी ने अच्छे काम किए हैं। बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होेंगे। पत्रकारों ने निशांत से जब सवाल किया कि क्या वे भी राजनीति में आएंगे तो निशांत कुछ बोले बिना वहां से चले गए। अब जद (एकी) की तरफ से निशांत को राजनीति में लाने की मांग भी शुरू हो चुकी है

बीमार का हाल…

उन के देखे से जो आ जाती है मुंह पर रौनक/वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है…। अस्पताल से निकलने के बाद सैफ अली खान मिर्जा गालिब के इस शेर वाले हालात से जूझ रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार में मंत्रिमंडल के सदस्य व भाजपा नेता नितेश राणे ने खान पर सवाल उठाया है कि क्या उन पर सच में हमला हुआ था या वे अभिनय कर रहे थे। अस्पताल से खुशी-खुशी निकलते सैफ अली खान को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा था लेकिन अंदाजा नहीं था कि राज्य के मंत्री से लेकर शिवसेना नेता संजय निरूपम उनके जल्द ठीक होने पर सवाल उठाएंगे। अभी तक राजनीति चाहे कितनी भी सख्ती बरते बीमारी के मसले पर बख्श दिया करती थी। पिछले दिनों एक और बीमार पर भी इतनी ही बड़ी सियासत हुई थी जब संसद परिसर में घायल होने के बाद भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी अस्पताल में भर्ती हुए और विपक्ष पल-पल बदलते उनकी पट्टियों के आकार-प्रकार पर कटाक्ष करने से लेकर मीम बनाने लगा। उस वक्त आरोप था कि महज राहुल गांधी को राजनीतिक नुकसान पहुंचाने के लिए सारंगी को लगी मामूली चोट को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जा रहा है। सारंगी के बाद सैफ के मामले से दिखी यह नई प्रवृत्ति बुनियादी नैतिकता के खिलाफ है। हर चोट, हर बीमारी का हर इंसान पर अलग असर होता है। बीमारों के हाल पर राजनीतिक और सोशल मीडिया बहस से बचा जाए तो अच्छा।

‘सबसे योग्य’ विवाहित

नीरज चोपड़ा भाला फेंकने में रिकार्ड तोड़ चुके हैं लेकिन अपने निजी जीवन में ‘बड़ी-बड़ी फेंकने’ वालों के इस समय में उनकी शख्सियत भीड़ से हट कर रही है। ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता बनने के बाद जिस तरह उन्हें सियासी मंचों पर नुमाइश की चीज बनाया जाने लगा था उन्होंने उसके खिलाफ भी नाखुशी जताई थी। तब भी उन्होंने नुमाइशी खिलाड़ी बनने के बजाय अपने प्रदर्शन को बेहतर करना ही लक्ष्य बनाया था। आज जब मशहूर हस्तियों की शादी नुमाइश का सबसे बड़ा मंच बन जाती है और पूरे देश को बाराती बन नाचता दिखाए जाने की कोशिश होती है वहीं नीरज चोपड़ा की शादी की खबर दुनिया को तब लगती है जब वो हिमानी मोर के साथ वैवाहिक बंधन में बंधने के बाद ट्वीटर पर तस्वीर साझा करते हैं। अति सादगी वाली शादी के बारे में उनके परिवार का तर्क है कि नीरज को अभी कई प्रतियोगिताओं की तैयारी करनी है और वे अपने लक्ष्य से भटकना नहीं चाहते हैं। किसी डेस्टिनेशन, महंगे कपड़ों और जेवरों से लैस सोशल मीडिया पर तैरते रील और मीम के बिना विवाह के लिए सबसे योग्य माने जाने वाले नीरज को विवाहित होने की बधाई।