Jammu-Kashmir Vidhan Sabha Chunav: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही राजनीतिक दलों की सक्रियता भी बढ़ गई है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी ने आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के पूर्व महासचिव राम माधव को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। राम माधव की जम्मू-कश्मीर में बहुत अहम भूमिका रही है। चाहे पीडीपी और बीजेपी के अलायंस की बात हो या फिर धारा 370 को हटाने को लेकर लिखी गई पूरी स्क्रिप्ट की। वहीं, केन्द्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को भी चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। 

राम माधव के बारे में बात की जाए तो माधव 22 अगस्त 1964 को आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में जन्मे थे। वह इंजीनियरिंग के स्टूडेंट रहे हैं। उन्होंने आंध्र प्रदेश से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया। इसके बाद माधव ने कर्नाटक की मैसूर यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री भी हासिल की है। राम माधव संघ के साथ में जुड़ गए थे। वह संघ के जरिये ही भारतीय जनता पार्टी में बड़ी ही खामोशी के साथ में आए थे।

राम माधव ने लिखीं कई किताबें

राम माधव एक नेता, लेखक और विचारक भी हैं। इतना ही नहीं वह थिंक टैंक इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष हैं। माधव वैश्विक जैसे हिंद महासागर सम्मेलन, आसियान-भारत युवा शिखर सम्मेलन के क्यूरेटर रहे हैं। हाल ही में डॉ माधव ने जी-20 के हिस्से के तौर पर धर्म-20 फोरम में भी अहम भूमिका निभाई थी। इससे पहले माधव ने साल 2014-20 तक बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर काम किया है। इतना ही नहीं वे जम्मू-कश्मीर, असम और भारत के दूसरे पूर्वोत्तर राज्यों के राजनीतिक मामलों को संभालते थे। राम माधव केवल नेता ही नहीं हैं बल्कि वे लेखक भी हैं। उन्होंने अंग्रेजी और तेलुगु में काफी सारी किताबें भी लिखी हैं।

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राम माधव ने विदेशों में भी कई सारी यात्राएं की हैं। माधव ने रूस में वल्दाई चर्चा क्लब, इंडोनेशिया में आर20 फोरम, सिंगापुर में शांगरी-ला वार्ता, कनाडा में हैलिफैक्स सुरक्षा फोरम, रूस में सोची यूरेशियन एकीकरण फोरम, चीन में ब्रिक्स राजनीतिक फोरम और थाईलैंड में विश्व शांति सम्मेलन जैसे मंचों को संबोधित किया है।

जम्मू-कश्मीर में निभाई अहम भूमिका

राम माधव ने जम्मू-कश्मीर में भी अहम भूमिका निभाई है। इसमें चाहे भारतीय जनता पार्टी और पीडीपी के गठबंधन की बात की हो या फिर धारा 370 को लेकर लिखी गई पूरी स्क्रिप्ट की। दोनों राजनीतिक पार्टियों के बीच धारा 370, अफस्पा, पाकिस्तान से आने वाले शरणार्थियों का भविष्य जैसे मुद्दों पर नजरिए बिल्कुल ही उलट थे। फिर भी जुलाई 2014 के महीने में पीएम मोदी और अमित शाह ने माधव को पार्टी का मुख्य वार्ताकार बनाकर जम्मू-कश्मीर भेजा था। उन्हीं की रिपोर्ट के आधार पर ही मुफ्ती मोहम्मद सईद के साथ भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी।