जम्मू-कश्मीर सरकार ने बुधवार को अपने विभागों से कहा कि वे अपनी सभी अनधिकृत विभागीय वेबसाइटों को बंद कर दें। अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने अनधिकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म, पुराने हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर बुनियादी ढांचे से जुड़े बढ़ते जोखिमों और डेटा समझौता और फ़िशिंग की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर यह कदम उठाया है।
ये निर्देश ऐसे समय में आए हैं जब 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के हैकरों द्वारा भारत सरकार की विभिन्न वेबसाइटों पर लगातार साइबर हमले किए जा रहे हैं। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। 10 मई को दोनों देशों के बीच युद्ध विराम की घोषणा के बाद भी ये साइबर हमले जारी हैं।
वेबसाइटों को निशाना बनाकर किए गए साइबर हमलों का पता लगाया
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और मध्य पूर्व में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की वेबसाइटों को निशाना बनाकर किए गए 15 लाख से अधिक साइबर हमलों का पता लगाया गया है जिनमें से लगभग सभी असफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि युद्धविराम के बाद घुसपैठ में काफी कमी आई है लेकिन वे पूरी तरह से बंद नहीं हुए हैं।
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र ने जारी किए निर्देश
इस बात की ओर ध्यान दिलाते हुए सरकार ने कहा कि यह संज्ञान में आया है कि विभिन्न विभाग निजी डोमेन जैसे “.com”, “.org” या “.net” का उपयोग करके आधिकारिक वेबसाइट संचालित कर रहे हैं जो आधिकारिक डोमेन उपयोग पर भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं हैं। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मंगलवार को जारी एक परिपत्र में आदेश दिया गया कि ऐसी सभी निजी तौर पर होस्ट की गई/अनधिकृत विभागीय वेबसाइटों को तत्काल निष्क्रिय कर दिया जाएगा।
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इसने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी), जम्मू-कश्मीर केंद्र से सभी मौजूदा वेबसाइटों को सुरक्षा और प्रमाणीकृत सरकारी डोमेन पर स्थानांतरित करने में विभागों की सहायता करने के लिए कहा, जो “.govt.in” या “.jk.gov.in” है। एनआईसी जम्मू-कश्मीर ने कहा कि भविष्य में कोई भी विभागीय वेबसाइट गैर-सरकारी डोमेन पर विकसित या होस्ट नहीं की जाएगी।
सरकार ने अधिकारियों से कहा कि अगर कोई ऑफिशियल कम्यूनिकेशन जीमेल, याहू , रेडिफमेल जैसे गैर-सरकारी ईमेल अकाउंट से भेजा जाता है तो वे न तो कोई कम्यूनिकेशन करें और न ही उसका जवाब दें। साथ ही कहा कि वे सभी प्रकार के आधिकारिक पत्राचार के लिए अनिवार्य रूप से एनआईसी द्वारा प्रदान की गई ईमेल आईडी (@jk.gov.in/…@gov.in) का उपयोग करेंगे ताकि डेटा की गोपनीयता बनाए रखी जा सके और संवेदनशील जानकारी लीक होने से रोका जा सके। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स