Jammu and Kashmir Issue: बीते सोमवार (05 अगस्त, 2019) आर्टिकल 370 के मुद्दे पर राज्यसभा में संविधान की किताब फाड़ने वाले जम्मू कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद नाजिर अहमद लावे ने कहा है कि उन्होंने सिर्फ एक किताब फाड़ी है। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की अगुवाई वाली इस पार्टी के 2 सांसदों ने सोमवार को संसद में जमकर हंगामा मचाया।
केंद्र सरकार द्वारा आर्टिकल 370 के कई प्रावधानों को निरस्त किए जाने के विरोध में पार्टी के एक और सांसद मीर फयाज ने अपना कुर्ता फाड़ लिया। संसद में संविधान फाड़ने वाले सांसद नाजिर अहमद से Indian Express की संवाददाता Liz Mathew ने संसद में संविधान फाड़ने वाले सांसद नाज़ीर अहमद से एक्सक्लूसिव बातचीत की।
सवाल – राज्य के लिए अभी निहितार्थ क्या हैं?
जवाब – यहां लोग काफी गुस्से में हैं। उनलोगों (केंद्र सरकार) ने इस बारे में किसी से कोई विचार-विमर्श नहीं किया। उनलोगों ने अपनी चाहत के आधार पर ऐसा कर दिया। हमलोग भी काफी परेशान हैं। लेकिन भाजपा कह रही है सालों से लोग इसकी मांग कर रहे थे, इसलिए वो लोग खुश हैं। भाजपा, कश्मीर के किस हिस्से की बात कर रही है? लोग गुस्से में हैं लेकिन आक्रोश जाहिर करने के लिए किसी को बाहर आने की अनुमति नहीं है। उनलोगों ने सभी को उनके घरों में कैद कर दिया है। तलवार की धार पर वो इसे हल करना चाहते हैं क्योंकि वो सत्ता में हैं…लोग क्या कर सकते हैं? आज यह कश्मीर है…कल कोई दूसरा राज्य हो सकता है।
सवाल- जो लोग यह कर रहे हैं भारत के लोग इससे खुश हैं उनको लेकर आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
जवाब – देखिए, हमलोग भी इस देश के ही हिस्से हैं। हम सभी भारतीय हैं…इसलिए हमारी बात को भी सुना जाना चाहिए। पंजाब जैसे दूसरे राज्यों में भी समस्याएं थीं। क्या वो लोग इससे इसी तरह निपटे? नॉर्थ ईस्ट में भी ऐसे कई सारे राज्य थे। मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि आखिर क्यों जम्मू-कश्मीर के साथ ऐसा किया गया? यह कश्मीर के लोगों के साथ विश्वासघात है।
सवाल – क्या आप इसे चुनौती देने पर विचार कर रहे हैं?
जवाब – हां, हम इसे राजनीतिक तौर के अलावा वो उन सभी तरीकों से चुनौती देंगे जो विकल्प हमारे पास मौजूद हैं। मैं सोचता हूं कि हमें वापस कश्मीर जाना चाहिए और लोगों को इकठ्ठा कर इसके खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए। कश्मीर के सभी नेताओं को एक साथ आने की जरुरत है। हम सभी को एक साथ कोर्ट जाना चाहिए और कश्मीर को बचाने के लिए एक साथ आना चाहिए
सवाल- आपने संविधान फाड़ा?
जवाब- हमलोगों ने जिसे फाड़ा वो सिर्फ एक किताब है…लेकिन भाजपा ने फाड़ा वो संविधान है। आप सोच सकते हैं कि वैसे सांसद जो संसद के अंदर संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं वो सरकार को यह सब करते देख कितने लाचार होंगे। कश्मीर पर एक आदमी की प्रतिक्रिया कैसी होगी?
सवाल – अब केंद्र सरकार सीधे जम्मू कश्मीर की कानून व्यवस्था को देखेगी इसका कश्मीर के लोगों पर कैसे असर होगा?
जवाब- वो तो कानून के मुताबिक होगा। कश्मीर का कानून प्रबल होना चाहिए। लेकिन मुश्किलें तब बढेंगी जब यहां के लोगों को यहां की सरकार नहीं मिलेगी।