पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र सरकार की तुलना पाकिस्तान में जनरल मुहम्मद जिया-उल-हक के नेतृत्व वाली सरकार से की। जम्मू में पार्टी कार्यकर्ताओं के एक अधिवेशन में उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश अभी भी सैन्य तानाशाह द्वारा बोई गई नफरत के बीज के लिए भुगतान कर रहा है।
भाजपा-संघ पर निशाना: मुफ्ती ने कहा कि एक जनरल ने पाकिस्तान में जहर फैलाया। वैसे हालात अब भारत में लाने की कोशिश की जा रही है। क्या फर्क है जिया-उल-हक और आज के राज में। जम्मू के सुंजवा क्षेत्र में मस्जिद की ग्राउंड पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भाजपा और संघ की गोडसे की सियासत हमारे मुल्क में नहीं चलेगी। जनरल जिया उल हक की राह पर भाजपा और जन संघी भी चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नफरत और धर्म के नाम पर बांटने वाली राजनीति से देश का आगे बढ़ पाना मुश्किल है। जम्मू-कश्मीर में भी शांति स्थापित नहीं हो रही है। पाकिस्तान को लेकर मुफ्ती ने कहा कि हमारे पड़ोसी देश पर शासन करने वाले एक जनरल ने धर्म के नाम पर लोगों में इतनी नफरत पैदा कि बच्चों के हाथों में किताबों की जगह बंदूकें मिलीं। उसका क्या अंजाम है, आप देख सकते हैं।
जम्मू कश्मीर को बना दिया प्रयोगशाला: उन्होंने कहा, ‘आज पाकिस्तान कर्ज में डूबा हुआ है। वहां के लोगों को इस बात का मलाल है कि उन्होंने जनरल का साथ दिया।” मुफ्ती ने कहा, “अब देखिए, आज हमारी तरफ क्या हो रहा है। हमारा लोकतंत्र खत्म होता जा रहा है। हमारा संविधान चला गया है और जम्मू-कश्मीर को प्रयोगशाला बना दिया गया है। पहले चीजों का पहले टेस्ट किया जाता है फिर देश में इस्तेमाल किया जाता है।
PDP अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने जम्मू में कहा, “जिन्ना जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई सभी के साथ मिलकर लड़ी भारत को आज़ाद करने के लिए। मगर हमें उनसे एक शिकायत है कि उन्होंने हमारे देश का बंटवारा किया। आज हम जिन्ना का नाम लेने से गुरेज करते हैं क्यूं? कहते हैं उन्होंने भारत का बंटवारा कर दिया।”
उन्होंने कहा कि मगर आप देखेंगे आज हज़ारों जिन्ना हैं। ज़मीन का बंटवारा तो हो गया, ये लोग इंसानों का बंटवारा करते हैं। ये वो लोग हैं जिन्होंने आज़ादी में कोई योगदान नहीं दिया। ये लोग उस वक़्त अंग्रेजों के तलवे चाटते थे। आज ये लोग हमें देशभक्ति सिखाते हैं।