Jammu and Kashmir Issue: राज्यसभा में राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पास हो गया है। ,सदन में इसके पक्ष में 125 वोट पड़े जबकि इसके विरोध में 61 वोट पड़े। इसके साथ ही अब जम्मू कश्मीर अब दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंट जाएगा। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख। लद्दाख में विधानसभा नहींं होगी। गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर सदन में कहा कि हमने राष्ट्रहित को लेकर 370 पर बिल लाए हैं। उन्होंने कहा कि हम धर्म की राजनीति नहीं करते हैं। जम्मू कश्मीर की जनता लोकतंत्र चाहती है। विरोधियों को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि जांच की डर से लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया जिसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होंगे। गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे। ’’ अमित शाह के द्वारा पेश संकल्प के अनुसार, जम्मू कश्मीर से राज्य का दर्जा छीन लिया गया है और जम्मू कश्मीर अब केन्द्र शासित प्रदेश होगा।
इससे पहले सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक घंटे लंबी बैठक चली। समझा जाता है कि इस बैठक में शीर्ष नेतृत्व ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। पिछले काफी दिनों से सरकार इसकी तैयारी कर रही थी। इसी के चलते जम्मू कश्मीर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
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बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आर्टिकल 370 को लेकर पेश किए गए संकल्प का समर्थन करते हुए कहा कि हमारी पार्टी इसे अपना पूरा समर्थन देती है। हम चाहते हैं कि यह बिल पास हो। हमारी पार्टी ने अनुच्छेद 370 और अन्य बिल का विरोध नहीं किया है।
What is Article 370, Know Here
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने में हमें एक सेकेंड की भी देरी नहीं करनी चाहिए। आर्टिकल 370 की मदद से 3 परिवारों ने जम्मू कश्मीर को सालों तक लूटा। अमित शाह ने कहा कि गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आर्टिकल 370 जम्मू कश्मीर को भारत से जोड़ता है, लेकिन यह सच्चाई नहीं है। महाराजा हरि सिंह ने 27 अक्टूबर, 1947 में जम्मू कश्मीर इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन पर हस्ताक्षर किया था, जबकि आर्टिकल 370 साल 1954 में प्रकाश में आया था।
अमित शाह बोले - सही समय आने पर जम्मू कश्मीक को फिर से राज्य का दर्जा मिल जाएगा।
राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पास हो गया है। ,सदन में इसके पक्ष में 125 वोट पड़े जबकि इसके विरोध में 61 वोट पड़े।
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पर राज्यसभा में वोटिंग की प्रक्रिया जारी है।सरकार को अगर बहुमत मिलता है तो यह बिल संसद में पास हो जाएगा।थोड़ी देर में इसपर फैसला आ जाएगा। हर सदस्य को पर्ची दी जा रही है। मशीन में तकनीकी दिक्कत के चलते वोटिंग पर्ची के द्वारा की जा रही है।
आर्टिकल 370 के हटाने को लेकर अमित शाह ने सदन में कहा कि इससे नए युग कि शुरुआत हुई है। हम धर्म की राजनीति नहीं करते हैं। जम्मू कश्मीर की जनता लोकतंत्र चाहती है। हम राष्ट्रहित में यह बिल लाए हैं। अनुच्छेद 370 की वजह से जम्मू कश्मीर में विकास नहीं हुआ और यहां गरीबी बढ़ी। विपक्ष को इसपर वोट बैंक की राजनीति नहीं करनी चाहिए। भारत के अन्य राज्यों में जैसे विकास हुआ है वैसे ही जम्मू कश्मीर में भी विकास होना चाहिए।
कपिल सिब्बल ने राज्यसभा में कहा कि हमें पता है कि आप लोग यह बिल पास करा लेंगे क्योंकि आपके पास बहुमत है। हम कुछ नहीं कर सकते हैं। लेकिन आप को सोचना चाहिए कि हम सब यहां क्यों है और लोकतंत्र का सिद्धांत क्या होता है। आप भले ही इस ऐतिहासिक फैसला बताएं लेकिन इतिहास तय करेगा कि यह ऐतिहासिक फैसला था या नहीं।
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म करने के सरकार के फैसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक और पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने खुशी जताते हुए सरकार के फैसले का समर्थन किया है। उनका कहना है कि जनसंघ की स्थापना के समय से ही जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म करने की हमारी मांग रही है। वह आज पूरा हुआ। सरकार के इस फैसले से देश को मजबूती मिलेगी।
पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह का कहना है कि बिना किसी वैध प्रावधान का पालन किए संविधान फिर से लिखा जा रहा है। इतना बड़ा ऐतिहासिक फैसला इस तरह से नहीं लिया जाना चाहिए था और जल्दबाजी में लोगों पर थोपा नहीं जाना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 पर सरकार के कदम को एकतरफा एवं चौंकाने वाला करार दिया और कहा कि यह राज्य की जनता के साथ पूरी तरह विश्वासघात है।
उत्तर प्रदेश, ओड़िशा, असम और देश के अन्य राज्यों से 8000 जवानों को एयरलिफ्ट कर घाटी पहुंचाया गया है। केंद्र द्वारा आर्टिकल 370 और अन्य फैसलों के चलते वायुसेना और आर्मी को हाई अलर्ट पर रखा गया है। कश्मीर में केंद्र ने पहले ही सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए सेना की तैनाती घाटी में बढ़ाया है।
पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी ने राज्यसभा में आर्टिकल 370 के मुद्दे पर पेश किए गए संकल्प पर कहा है कि मुझे नहीं लगता कि यह कोई क्रांतिकारी कदम है। यह एक राजनैतिक फैसला है और यह कोई बुद्धिमत्ता भरा फैसला नहीं है।
कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खंड हटाने का संकल्प राज्यसभा में पेश होने के बाद भारतीय सेना और वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
एआईएडीएमके ने किया संकल्प का समर्थन
जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के खंड हटाने के मुद्दे पर सरकार द्वारा पेश किए गए संकल्प का बीजू जनता दल ने समर्थन किया है। राज्यसभा में बीजद के सांसद प्रसन्ना आचार्य ने कहा कि सही मायनों में जम्मू कश्मीर आज भारत का हिस्सा बना है। मेरी पार्टी इस प्रस्ताव का समर्थन करती है। हम एक क्षेत्रीय पार्टी हैं, लेकिन हमारे लिए देश पहले है।
अमित शाह ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है, कांग्रेस ने भी 1952 और 1962 में आर्टिकल 370 में इसी तरह संशोधन किए थे। इसलिए इसका विरोध करने के बजाय कृप्या मुझे बोलने दें और इस पर चर्चा करें। सभी शंकाएं और गलतफहमी दूर की जाएगी। मैं सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हूं।
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बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आर्टिकल 370 को लेकर पेश किए गए संकल्प का समर्थन करते हुए कहा कि हमारी पार्टी इसे अपना पूरा समर्थन देती है। हम चाहते हैं कि यह बिल पास हो। हमारी पार्टी ने अनुच्छेद 370 और अन्य बिल का विरोध नहीं किया है।
राज्यसभा में जैसे ही केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प पेश किया, वैसे ही सदन में विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हम देश के संविधान के साथ खड़े हैं। हम हिंदुस्तान के संविधान की रक्षा के लिए जान की बाजी लगा देंगे, लेकिन आज भाजपा ने संविधान की हत्या कर दी है।
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अनुच्छेद 370 निरस्त करने का भारत सरकार का एकतरफा फैसला गैर कानूनी, असंवैधानिक है।
लद्दाख, जम्मू कश्मीर से हुए अलग
गृहमंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए संकल्प प्रस्ताव के अनुसार, आर्टिकल 370 का सिर्फ एक खंड लागू रहेगा और बाकी सभी खंड समाप्त हो जाएंगे।
सरकार के संकल्प के अनुसार, सरकार ने लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग कर दिया है।
सरकार द्वारा आर्टिकल 370 के संबंध में पेश किए संकल्प प्रस्ताव में जम्मू कश्मीर के राज्य के दर्जा हटाने और केन्द्र शासित प्रदेश बनाने की बात कही गई है।
संवैधानिक आदेश 2019