जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला की हिरासत 3 माह के लिए और बढ़ा दी गई है। फारुख अब्दुल्ला बीती 5 अगस्त से अपने घर में नजरबंद हैं। फारुख अब्दुल्ला को सरकार ने PSA (Public Safety Act) के तहत नजरबंद कर रखा है। हाल ही में गृह मंत्रालय के सलाहकार बोर्ड ने पांच बार के सांसद फारुख अब्दुल्ला से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इस सलाहकार बोर्ड की सलाह पर ही फारुख अब्दुल्ला की हिरासत बढ़ाने का फैसला किया गया है।
श्रीनगर की गुपकर रोड पर स्थित फारुख अब्दुल्ला के आवास को जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा सब-जेल घोषित किया हुआ है। 82 वर्षीय फारुख अब्दुल्ला पहले सीएम हैं, जिन पर PSA एक्ट के तहत कार्रवाई हुई है। बता दें कि केन्द्र सरकार ने बीती 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रावधान हटाते हुए राज्य को संविधान से मिले विशेषाधिकार खत्म कर दिए थे।
आर्टिकल 370 के प्रावधान हटाने के बाद सरकार ने फारुख अब्दुल्ला समेत राज्य के कई नेताओं को हिरासत में ले लिया था। इनमें पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं। नेताओं को PSA एक्ट के तहत हिरासत में रखा गया है। PSA एक्ट के तहत सरकार किसी व्यक्ति को बिना ट्रायल के 3 माह से लेकर एक साल तक हिरासत में रख सकते हैं। इस हिरासत को बाद में 2 साल के लिए भी बढ़ाया जा सकता है।
PSA एक्ट सिर्फ जम्मू कश्मीर में लागू है। वहीं देश में अन्य जगहों पर इससे मिलता जुलता कानून NSA है। बीते दिनों फारुख अब्दुल्ला ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर को एक चिट्ठी लिखकर अपना दर्द साझा किया था। थरूर ने इस चिट्ठी का उल्लेख अपने ट्विटर अकाउंट पर किया था। चिट्ठी में फारुख अब्दुल्ला ने लिखा कि वह कोई अपराधी नहीं है, जो उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। फारुख अब्दुल्ला ने अपनी चिट्टी में ये भी लिखा कि उन्हें संसद में कार्यवाही में हिस्सा लेने की मंजूरी मिलनी चाहिए।