जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने जम्मू कश्मीर को जल्द ही राज्य का दर्जा देने की मांग की। इसको लेकर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर हमें राज्य का दर्जा नहीं दिया जाता है तो हम चुप नहीं बैठेंगे और संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करेंगे। फारूक अब्दुल्ला के कहने का मतलब है कि उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है।

फारूक अब्दुल्ला ने राज्य के दर्जे की मांग की

वहीं मंगलवार को पत्रकारों ने फारूक अब्दुल्ला से राज्य के दर्जे को लेकर सवाल पूछा। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा इसलिए नहीं मिल रहा है क्योंकि हम मुस्लिम हैं। उन्होंने कहा, “इसके और क्या कारण हो सकते हैं? क्या हम भारत के दुश्मन हैं। हमने भारत के साथ हाथ मिलाया तब जब हमारे सामने पाकिस्तान था।”

इससे पहले फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना लोगों का अधिकार है, न कि भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला कोई एहसान। उन्होंने कहा था कि राज्य का दर्जा इस राज्य का अधिकार है। यह कोई एहसान नहीं है, बल्कि यह यहां के लोगों का अधिकार है।

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उम्मीद है कि हमें जल्द ही स्टेटहुड का दर्जा मिलेगा- अब्दुल्ला

पहलगाम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार को सत्ता संभाले हुए आठ माह बीत चुके हैं और मुझे उम्मीद है कि हमें जल्द ही स्टेटहुड का दर्जा मिलेगा। अब्दुल्ला ने कहा कि इसके साथ ही प्रदेश सरकार के पास सभी प्रशासनिक अधिकार भी आ जाएंगे ताकि वह आम लोगों की उम्मीदों के अनुरूप पूरी ताकत और प्रभाव के साथ काम कर सके।

बता दें कि समय-समय पर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी राज्य का दर्जा मांगते रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले ही कश्मीर का दौरा किया था। वहीं कार्यक्रम के दौरान ही जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई थी कि राज्य को जल्द ही स्टेटहुड का दर्जा मिल जाएगा।