जम्मू-कश्मीर में आज शुक्रवार को ही विधानसभा चुनाव का ऐलान हो सकता है। इसके साथ-साथ हरियाणा चुनाव को ऐलान संभव है। बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग दोपहर तीन बजे एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाला है, उसी में चुनावी तारीखों की घोषणा हो सकती है। समझने वाली बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 30 सितंबर तक की डेडलाइन दी थी, उसी बीच चुनाव करवाने थे। इसी वजह से चुनाव आयोग भी लगातार घाटी का दौरा कर रहा था।

Jammu Kashmir Chunav: 370 हटने के बाद पहला इलेक्शन

अब पांच सालों बाद जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने जा रहे हैं, 370 हटने के बाद से लगातार मांग की जा रही थी कि एक बार फिर यहां पर इलेक्शन करवाए जाएं। जब उस प्रक्रिया में देरी हुई तो मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया, अब आखिरकार वो समय आ गया है जब जम्मू-कश्मीर में जनता द्वारा ही चुनी हुई सरकार बनने जा रही है। वैसे जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है, उस वजह से वहां की विधानसभा की तस्वीर अब कुछ अलग दिखाई देने वाली है।

हरियाणा में सज गया चुनावी मैदान

परिसीमन के बाद कितनी बदली जम्मू-कश्मीर की तस्वीर?

जम्मू-कश्मीर में अब कुल 114 सीटें कर दी गई हैं, इसमें 24 सीटें पाक अधिकृत कश्मीर की शामिल हैं। अगर इन 24 सीटों को हटाया जाए तो 90 विधानसभा सीटें निकलती हैं। पहले यह आंकड़ा 83 हुआ करता था,ऐसे में कुल सात सीटें बढ़ा दी गई हैं। यहां भी जम्मू संभाग में 6 सीटें बढ़ी हैं, वही कश्मीर संभाग में एक सीट का इजाफा हुआ है। जम्मू क्षेत्र में 43 सीटें रहने वाली हैं और कश्मीर संभाग में अब 47 सीटें होंगी।

हरियाणा की क्या है स्थिति?

हरियाणा की बात करें तो वहां पर 90 विधानसभा सीटें हैं, बीजेपी के 41 विधायक हैं, कांग्रेस के 29 और जेजेपी को 10 सीटें मिली थीं। INLD और HLP की बात करें तो एक-एक सीट उन्हें भी मिली हैं। इसके अलावा सदन में पांच निर्दलीय विधायक भी हैं। हरियाणा में पिछली बार बीजेपी और जेजेपी ने मिलकर सरकार बनाई थी, भाजपा को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला था। पिछले 10 सालों से बीजेपी का ही शासन राज्य में चल रहा है, लेकिन इस बार मुकाबला ज्यादा कड़ा रह सकता है।