जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर 11 दिन से जारी गतिरोध के बीच भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस, दोनों के साथ ही बातचीत जारी है लेकिन अभी तक कोई ‘सार्थक नतीजा’ नहीं निकला है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य में सरकार गठन की स्थिति के बारे में अपना आकलन पेश किया। इस बीच, पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर ने कहा कि पर्दे के पीछे संपर्क और विचार विमर्श जारी हैं लेकिन औपचारिक बातचीत के स्तर तक अभी नहीं पहुंच पाए हैं।
शाह और अख्तर की टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं जबकि एक दिन पहले ही भाजपा ने राज्यपाल एनएन वोहरा से सरकार गठन को लेकर पार्टियों के बीच चल रही वार्ता के मद्देनजर और समय मांगा है। महाराष्ट्र में भाजपा के सदस्यता अभियान की समीक्षा के लिए मुंबई पहुंचे शाह ने कहा कि हम जम्मू कश्मीर में सरकार गठित करना चाहते हैं।
राज्यपाल वोहरा ने राज्य में सरकार गठित करने के लिए 19 जनवरी की समय सीमा तय की है। राज्य में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) 87 सदस्यीय विधानसभा में 28 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है लेकिन उसके पास बहुमत नहीं है। भाजपा 25 विधायकों के साथ दूसरा सबसे बड़ा दल है। नेशनल कांफ्रेंस को 15 सीटें जबकि कांगे्रस को 12 सीटें मिली हैं। छोटे दलों व निर्दलीयों को सात सीटों पर सफलता मिली है।
पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता अख्तर ने श्रीनगर में बताया कि भाजपा या किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ अभी तक सरकार गठन को लेकर औपचारिक बातचीत नहीं हुई है। पीडीपी नेतृत्व ने पिछले हफ्ते पार्टी के भीतर कई दौर का आतंरिक विचार विमर्श किया। पार्टी भावी गठबंधन को लेकर अनिर्णय की स्थिति में बनी हुई है क्योंकि नवनिर्वाचित विधायकों का एक वर्ग भाजपा के साथ हाथ मिलाने का कड़ा विरोध कर रहा है।
दूसरी तरफ भाजपा किसी भी क्षेत्रीय दल के साथ गठजोड़ करने की संभावना पर तेजी से काम कर रही है ताकि उसे पहली बार राज्य में सत्ता में आने का मौका मिल सके। नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला इलाज के लिए एक अस्पताल में भर्ती अपने पिता फारुक अब्दुल्ला की देखभाल के लिए इंग्लैंड गए हैं और उनके छह जनवरी से पहले वापस लौटने की उम्मीद नहीं है। तब तक उनकी पार्टी की ओर से सरकार गठन में कोई भूमिका निभाने की दिशा में प्रगति होने के आसार नजर नहीं आ रहे।
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनावों के 23 दिसंबर को नतीजे आने के कुछ ही समय बाद पार्टी महासचिव राम माधव और वित्त मंत्री अरुण जेटली सहित कई भाजपा नेता जम्मू में नवनिर्वाचित पार्टी विधायकों से मिलने के लिए पहुंचे थे। माधव उसी रोज श्रीनगर चले गए और उन्होंने पीडीपी के मुजफ्फर हसन बेग सहित घाटी के कई राजनीतिक दलों के विभिन्न नेताओं से मुलाकात की।
बातचीत में कोई प्रगति नहीं हुई है क्योंकि पीडीपी कश्मीर मुद्दे का हल निकालने के लिए राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने और सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून को वापस लेने के अपने कोर एजंडे पर आश्वासन चाहती है। पीडीपी यह आश्वासन भी हासिल करने पर बल दे रही है कि संविधान के अनुच्छेद 370 को बरकरार रखा जाएगा। इस अनुच्छेद में राज्य के विशेष दर्जे की गारंटी दी गई है।
पीडीपी और भाजपा नेताओं ने नववर्ष की पूर्व संध्या पर राज्यपाल एनएन वोहरा से अलग अलग समय पर मुलाकात की थी। राज्यपाल से मुलाकात के बाद पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सराहना की थी जिससे यह संकेत गया कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ हाथ मिला सकती है। राज्यपाल से भाजपा प्रतिनिधिमंडल की गुरुवार को हुई मुलाकात के बाद पार्टी ने यह कहते हुए अपना रुख नरम कर लिया कि वह सरकार बनाने के लिए किसी जल्दबाजी में नहीं है व पार्टी ने और समय मांगा है।
मुंबई में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि जनादेश को देखते हुए हम जम्मू कश्मीर में सरकार गठन में भागीदारी करना चाहते हैं। दोनों दलों से बातचीत में अभी तक कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आ पाया है। राजनीतिक दलों को 19 जनवरी तक सरकार बनाने के लिए कोई गठबंधन करना होगा क्योंकि उसके बाद राज्यपाल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन घोषित कर सकते हैं।