जम्मू कश्मीर में 25,000 अतिरिक्त सुरक्षाबलों के जवान भेजे जाने की खबर है। ये जवान गुरुवार को घाटी में भेजे गए हैं। हालांकि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य में सबकुछ सामान्य होने की बात कही है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती से अफवाहों का बाजार गर्म है। बता दें कि बीते दिनों सरकार ने घाटी में 10 हजार जवान भेजे थे। अब सूत्रों के अनुसार, कश्मीर में 25 हजार जवान और भेजे जाने की बात सामने आ रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबलों को राज्य में जिला स्तर पर ठिकाने बनाने के आदेश दिए गए हैं। ‘द हिंदू’ की एक खबर के अनुसार, राज्य के पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि ‘उन्हें अतिरिक्त सुरक्षाबल भेजे जाने की सूचना मिली है। कई जवानों को अमरनाथ यात्रा की ड्यूटी से मुक्त किया गया था, जो कि अब दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा में तैनात किए जाएंगे।’
सूत्रों के अनुसार, ऐसी भी खबरें हैं कि अमरनाथ यात्रा को भी समय से पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं, वहीं दक्षिण कश्मीर में चलने वाले कई लंगरों को भी गुरुवार को खाली करा लिया गया है। खबर के अनुसार, अमरनाथ यात्रा के लिए 40 से ज्यादा कंपनियां तैनात की गई थी। वहीं राज्य में फिलहाल एक हाई अलर्ट की स्थिति दिखाई दे रही है। खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों में मौजूदा स्थिति को लेकर काफी डर का माहौल है।
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हालांकि कुछ दिन पहले जब 10 हजार जवानों को जम्मू कश्मीर में भेजे जाने की बात सामने आयी थी, तब सरकार की तरफ से कहा गया था कि आगामी विधानसभा चुनावों के चलते यह तैयारियां की जा रही हैं। वहीं ऐसी भी अफवाहें हैं कि सरकार आर्टिकल 35ए से छेड़छाड़ कर सकती है। इन अफवाहों के चलते ही जम्मू कश्मीर की राजनीति में काफी सक्रियता दिखाई दे रही है।
राज्य की क्षेत्रीय पार्टियां चेतावनी भी दे चुकी हैं कि यदि आर्टिकल 35ए से किसी भी तरह की छेड़छाड़ की गई तो यह बारूद के ढेर में आग लगाने के जैसे होगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की। मुलाकात के दौरान कश्मीर के हालात और आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा हुई।