जम्मू और कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। बुधवार को जवानों ने डोडा में मुठभेड़ के दौरान कुख्यात आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन (Hizbul Mujahideen) के जिला कमांडर हारुन हफाज को मार गिराया। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता चंद्रकांत शर्मा, उनके पीएसओ और किश्तवाड़ के परिहार बंधुओं का हत्यारा था। भारतीय सेना को इस आतंकी की काफी दिनों से तलाश थी।

बताया जा रहा है कि मुठभेड़ स्थल पर एक और आतंकी के छिपे होने की संभावना है। सुरक्षाबल फायरिंग कर स्थिति को कंट्रोल कर रहे हैं। सुरक्षाबलों ने इलाके को चारों ओर से घेर लिया है और तलाशी अभियान जारी है। पुलिस ने हरून पर 15 लाख रुपए का नाम रखा था। जम्मू में सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा कि मुठभेड़ गुप्त सूचना के आधार पर जिले की गोंदाना पट्टी में हुई।

इससे पहले सोमवार को पुलवामा जिले के त्राल में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच एनकाउंटर में दो आतंकी मार गिराए गए थे। त्राल में 2-3 आतंकियों के छिपे होने की खबर मिलने के बाद रविवार सुबह सेना ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। सेना को देखकर आतंकी घबरा गए और उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। इसके जवाब में सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला और 2 आतंकियों को ढेर कर दिया।

वहीं बीते 9 जनवरी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एनकाउंटर के बाद आईएसआईएस के तीन संदिग्धों को पकड़ा था। तब पुलिस अधिकारी पीएस कुशवाहा ने बताया था कि गिरफ्तार तीनों आरोपी तमिलनाडु से फरार थे। इनके तीन और साथी थे जो नेपाल भाग गए। इन तीनों पर आरोप है कि ये दिल्ली और वेस्टर्न उत्तर प्रदेश में टेरर स्ट्राइक करने वाले थे। ये आतंकी संगठन आईएसआईएस माड्यूल से प्रभावित थे। इसके अलावा ये एक नेता की हत्या में भी शामिल थे।