जम्मू कश्मीर के कठुआ में सुरक्षाबलों की आतंकियों से मुठभेड़ हुई। अब सुरक्षाकर्मियों ने रविवार को कठुआ में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में शामिल हुए आतंकवादियों की तलाश तेज कर दी है। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (DGP) नलिन प्रभात समेत शीर्ष अधिकारी सोमवार को घने जंगलों में तलाशी अभियान में शामिल हुए। किसी पुलिस प्रमुख का इस तरह के अभियान में शामिल होना दुर्लभ है और माना जा रहा है कि 30 साल से अधिक समय में यह पहली बार है जब जम्मू-कश्मीर के टॉप पुलिस अधिकारी ने ऐसा किया है।

आतंकियों के खिलाफ अभियान में शामिल हुए DGP

हाथ में AK47 लेकर तलाशी के लिए निकले नलिन प्रभात के साथ पुलिस महानिरीक्षक (जम्मू जोन) भीम सेन टूटी, डीआईजी (जम्मू-सांबा-कठुआ रेंज) शिव कुमार शर्मा, कठुआ एसएसपी शोभित सक्सेना और एसपी (ऑपरेशन) नासिर खान भी अभियान में शामिल हुए। तलाशी अभियान तब शुरू हुआ जब आतंकवादी सीमा पार करके हीरानगर सेक्टर के सानियाल गांव में घुस आए थे और स्थानीय निवासियों के संपर्क में आए, जिन्होंने इसके बाद अलार्म बजाया। इसके बाद रविवार शाम को सुरक्षा बलों की जंगलों में छिपे आतंकवादियों के साथ गोलीबारी हुई।

सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के डीजीपी रविवार शाम को घटनास्थल पर पहुंचे और आधी रात तक रुके, उसके बाद अगली सुबह तलाशी दलों में शामिल होने के लिए वापस लौटे। पुलिस के अनुसार माना जा रहा है कि पांच-छह आतंकवादी जंगलों में छिपे हुए हैं। गांव में तनाव बना हुआ है और सुरक्षा बल लोगों से घरों के अंदर रहने की अपील कर रहे हैं।

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कठुआ जिले से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान से आतंकवादियों के लिए उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ जिलों को जोड़ने वाले कैलाश ट्राइ-जंक्शन के ऊंचे इलाकों में घुसपैठ का एक प्रमुख मार्ग बन गई है। पिछले साल कठुआ के बदनोटा गांव के पास सेना के काफिले पर आतंकवादियों द्वारा हमला किए जाने के बाद पांच सैनिक मारे गए थे।

उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि रविवार को हुई गोलीबारी के बाद आतंकवादियों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। उमर अब्दुल्ला ने कहा, “अभी तक कोई संपर्क नहीं हो पाया है। तलाशी और घेराबंदी कुछ संदिग्ध गतिविधि के कारण की गई है। अब देखते हैं कि स्थिति कैसे डेवलप होती है।” यह इलाका अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब है, इसलिए पूरी संभावना है कि वे वहां (पाकिस्तान) से आए होंगे। कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। पहले देखते हैं कि कोई पकड़ा गया है या नहीं और स्थिति कैसे विकसित होती है। हालांकि यह सीधे तौर पर हमारे जिम्मेदारी के क्षेत्र में नहीं आता है, लेकिन हमारी चुनी हुई सरकार स्थिति को सौहार्दपूर्ण और नियंत्रण में रखने में मदद करने के लिए प्रयास कर रही है। मैं हमेशा कहता रहता हूं कि लोगों को साथ लिए बिना जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद को खत्म करना संभव नहीं होगा।”