नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध का केंद्र बनकर उभरी जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी ने शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सेंट्रल यूनिवर्सिटी की लिस्ट में पहला स्थान हासिल किया है। यूनिवर्सिटी को 90 फीसदी स्कोर के साथ रैंकिंग में पहला नंबर मिला है। पहले पायदान पहुंची जामिया यूनिवर्सिटी ने इस मामले में अलीगढ़ और जेएनयू जैसी यूनिवर्सिटी को पछाड़ दिया है। जामिया के बाद दूसरे नंबर पर अरुणाचल प्रदेश की राजीव गांधी यूनिवर्सिटी आई है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी रैंकिंग में राजीव गांधी यूनिवर्सिटी को 83 फीसदी स्कोर मिला है। तीसरे नंबर पर 82 फीसदी स्कोर के साथ जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी आई है। रैंकिंग में चौथा नंबर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का है। एएमयू 78 फीसदी स्कोर के साथ चौथे नंबर पर है।
टीओआई के मुताबिक जामिया यूनिवर्सिटी की चांसलर नजमा अख्तर ने बताया कि यह उपब्धि और भी अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के दिनों में जामिया चुनौतीपूर्ण समय से गुजरा था। यूनिवर्सिटी को पहला पायदान मिलने को उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, प्रासंगिक और केंद्रित अनुसंधान, यूनिवर्सिटी की बेहतर धारणा को कुछ कारणों में से एक माना है।
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15 दिसंबर, 2019 को पुलिस अराजक तत्वों को पकड़ने के लिए यूनिवर्सिटी के कैंपस में दाखिल हो गई थी। पुलिस का मानना था कि सीएए हिंसक प्रदर्शन में बदल गया था। बाद में सामने आए कुछ सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि पुलिस ने छात्रों संग भी मारपीट की थी। कैंपस की लाइब्रेरी में तोड़फोड़ की, यूनिवर्सिटी के अन्य सामानों से तोड़फोड़ की गई और सीसीटीवी कैमरे भी नष्ट कर दिए गए। हालांकि बाद में पुलिस प्रशासन ने मामले में सफाई दी थी। वहीं इस घटना के बाद देश-विदेश में जामिया का मामला सुर्खियों में बना रहा। यूनिवर्सिटी महीनों तक सीएए विरोधी प्रदर्शन का केंद्र बनी रही।
उल्लेखनीय है कि यूनिवर्सिटियों का मूल्यांकन 2019-20 में तय किए गए एमओयू के हिसाब से किया गया है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी रैंकिंग में मूल्यांकन कई पैमानों के आधार पर किया गया है। जिसमें विभिन्न पाठ्यक्रमों यूजी, पीजी, पीएचडी में छात्रों की संख्या और लैंगिक अनुपात भी शामिल है। इसके अलावा कैंपस प्लेसमेंट भी इस चयन का आधार बनता है। नेट और गेट परीक्षा में सफल होने वाले विद्यार्थियों के आधार पर भी यह रैंकिंग तैयार होती है।