बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट कर जगन्नाथ रथ यात्रा की शुभकामनाएं दी हैं। इस मौके पर नेता ने जगन्नाथ अष्टकम का एक वीडियो भी शेयर किया, जो कि उन्होंने गायक कैलाश खेर के साथ मिलकर तैयार किया है। नेता ने वीडियो ट्वीट कर कहा, ‘आप सभी को श्री जगन्नाथ रथ यात्रा की बहुत बहुत शुभकामनाएँ।’
हालांकि वीडियो के जवाब में कुछ ट्विटर यूजर्स ने संबित पात्रा को ट्रोल किया। इस वीडियो पर कमेंट करते हुए एक ट्विटर यूजर (@SnSharma143143) ने लिखा, ‘टैक्सपेयर का पैसा कैसे बर्बाद होता है ये बीजेपी वालों से सीखना चाहिए।’ बता दें कि ओडिशा के पुरी में सोमवार को ढोल, मंजीरे और शंख की ध्वनि और ‘हरि बोल’ के उद्घोष के साथ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की वार्षिक रथयात्रा की शुरुआत हुई। इस दौरान कोविड-19 के नियमों का कड़ाई से पालन किया गया और पूरे शहर में कर्फ्यू लागू रहा।
बारहवीं शताब्दी के मंदिर के इतिहास में लगातार दूसरे साल और दूसरी बार ऐसा हुआ जब रथयात्रा में आमजन शामिल नहीं हो सके। मंदिर के सामने तीन किलोमीटर तक ‘ग्रैंड रोड’ सूनी पड़ी थी और केवल कुछ चुनिंदा पुजारी और पुलिसकर्मियों को ही उपस्थित रहने की अनुमति थी।
रथारूढो गच्छन् पथि मिलित भूदेव पटलैः
स्तुति प्रादुर्भावम् प्रतिपदमुपाकर्ण्य सदयः
दया सिन्धुर्बन्धुः सकल जगतां सिन्धु सुतया
जगन्नाथः स्वामी नयन पथ गामी भवतु मे॥५॥आप सभी को श्री जगन्नाथ रथ यात्रा की बहुत बहुत शुभकामनाएँ
Wishing You All on the occasion of Rath Yatra#JaiJagganath pic.twitter.com/daUiwDZ6eN— Sambit Patra (@sambitswaraj) July 12, 2021
पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने बताया कि केवल उन्हीं सेवादारों, पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को उत्सव में भाग लेने की अनुमति थी जिनकी कोविड-19 जांच ‘नेगेटिव’ थी। उन्होंने कहा कि सड़कों या घर की छतों पर एकत्र होने की मनाही थी। वर्मा ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के हित को देखते हुए कर्फ्यू लगाया गया है। रविवार रात से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए थे और भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान सुदर्शन को चरणबद्ध तरीके से ‘पहंडी’ प्रक्रिया के तहत उनके रथों तक ले जाया गया।
देव प्रतिमाओं को रथों में स्थापित करने के बाद पुरी के राजा गजपति महाराजा दिव्यसिंह देव ने सोने की झाड़ू से रथों को बुहारने की परंपरा का निर्वाह किया। इसके बाद गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने देव प्रतिमाओं का दर्शन किया और फिर रथों को खींचा गया।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के एक अधिकारी ने बताया कि पहले निर्णय लिया गया था कि रथों को दोपहर तीन बजे से खींचना शुरू किया जाएगा लेकिन असल में यह प्रक्रिया तय समय से पहले शुरू हुई।