भारतीय युवा कांग्रेस (IYC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास (BV Srinivas) को असम पुलिस ने नोटिस दिया है। असम यूथ कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष अंगकिता दत्ता (Angkita Dutta) की शिकायत को लेकर बीवी श्रीनिवास को असम पुलिस ने नोटिस दिया है। अंगकिता दत्ता ने श्रीनिवास पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई है।
गुवाहाटी के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर प्रतीक विजय कुमार बेंगलुरु गए और वहां श्रीनिवास के घर नोटिस दिया। उन्होंने बताया कि श्रीनिवास के घर पर कोई मौजूद नहीं था, इसलिए नोटिस उनके घर के बाहर चस्पा कर दिया गया।
गुवाहाटी के संयुक्त आयुक्त और पुलिस उपायुक्त (OPS) थुबे प्रतीक विजय कुमार ने बेंगलुरु में मीडिया से बात करते हुए कहा, “हम आरोपी बी. वी. श्रीनीवास के घर नोटिस देने आए थे। क्योंकि घर पर कोई मौजूद नहीं था इसलिए हमने नोटिस उनके ज्ञात घर के बाहर चस्पा कर दिया है और एक नोटिस उनके मूल स्थान भी भेजा है। FIR के मुताबिक आरोपी पिछले 6 महिने से पीड़ित को प्रताड़ित, दुर्व्यवहार और यौन शोषण कर रहा था।”
प्रतीक विजय कुमार ने आगे कहा, “हमने उनको नोटिस दे दिया है और उनको जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए समय दिया है। जब वह आएंगे तब उनका बयान दर्ज़ करेंगे और अन्य विवरण की जानकारी लेंगे जो जांच में मदद करेगी। हमने सारी क़ानूनी प्रक्रिया का पालन किया है। हमने कार्नाटक पुलिस को पहले ही बता दिया था।”
वहीं इस मामले पर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, “असम के दलबदलू सीएम हिमंता बिस्वा सरमा अमित शाह को पीछे छोड़ने में लगे हैं। वे सुर्खियों में रहने की अपनी इन हरकतों के चलते बदनाम हो चुके हैं। असम सीएम कभी पवन खेड़ा, कभी बीवी श्रीनिवास और कभी किसी और को गिरफ़्तार करना चाहते हैं। वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि कभी एक बार PM मोदी उनको शारदा मामले में गिरफ्तार करना चाह रहे थे और इसलिए वे बीजेपी में शामिल हो गए। उनकी बातों पर ज़्यादा ध्यान न दीजिए।”
सुरजेवाला को हिमंता बिस्वा सरमा ने जवाब भी दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “असम पुलिस कानून के मुताबिक काम कर रही है। वे वर्तमान में एक महिला कांग्रेस कार्यकर्ता द्वारा आईपीसी की धारा 354 के तहत आरोपी व्यक्ति के खिलाफ दर्ज मामले की जांच कर रहे हैं। महिला कार्यकर्ताओं के लिए कांग्रेस पार्टी के भीतर सुरक्षित वातावरण की कमी के लिए मुझे दोष देना अनुचित है। कृपया आरोपी को कानूनी प्रक्रिया में सहयोग करने की सलाह दें।”
