Israel-Hamas War: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने गुरुवार को शरद पवार की आलोचना करने पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर पलटवार किया है। जिसमें सरमा ने कहा था कि ऐसा लगता है कि शरद पवार अपनी बेटी सुप्रिया सुले को हमास के लिए लड़ने के लिए गाजा भेजेंगे।
मीडिया से बातचीत करते हुए सुप्रिया सुले ने कहा, ‘मैं आश्चर्यचकित हूं क्योंकि हिमंत बिस्वा सरमा का डीएनए मेरे जैसा ही है, वह मूल रूप से कांग्रेस से हैं। उनका और मेरा डीएनए एक ही है… आप जानते हैं कि बीजेपी महिलाओं का कैसे अपमान करती है।’
अपनी बात को जारी रखते हुए सुले ने कहा, ‘लेकिन मुझे हिमंत बिस्वा सरमा से उम्मीदें थीं। मुझे आश्चर्य है कि महिलाओं के प्रति यह बदलाव और दृष्टिकोण कैसे आया है, शायद भाजपा में जाना उन्हें थोड़ा नागवार गुजर रहा है…बीजेपी आईटी सेल को शरद पवार ने जो कहा उसे ध्यान से समझने और सुनने की जरूरत है। सुनिए उनका पूरा बयान…’
बता दें, इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की स्थिति के संबंध में राकांपा नेता शरद पवार की कथित टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर सरमा ने जवाब दिया था, “मुझे लगता है कि शरद पवार सुप्रिया सुले को हमास के लिए लड़ने के लिए गाजा भेजेंगे।”
मुंबई में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा था, ‘जहां भारत के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों ने फिलिस्तीन के समर्थन में कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका फिलिस्तीन की मदद करने की थी। पहली बार इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल का समर्थन किया। शरद पवार के इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया था।
शरद पवार की इस टिप्पणी की केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित कई लोगों ने आलोचना की।
नितिन गडकरी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘मैं शरद पवार जी द्वारा दिए गए गैर-जिम्मेदाराना बयान की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें उन्होंने इजराइल में हाल ही में हुए आतंकी हमले की पीएम नरेंद्र मोदी जी की स्पष्ट निंदा पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि भारत लगातार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ खड़ा रहा है। इजराइल में आतंकवादी हमले की निंदा वैश्विक शांति और सुरक्षा के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है।’ केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शरद पवार के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि “इस सड़ी हुई मानसिकता को रोकना होगा”।