जम्मू-कश्मीर के राजौरी में पिछले दिनों हिन्दुवादी संगठन द्वारा कथित तौर पर आईएसआईएस का झंडा जलाए जाने के बाद सांप्रदायिक तनाव हो गया था। इसके बाद मंगलवार को तनाव को देखते हुए कर्फ्यू लगाना पड़ा। कुछ इलाकों में इसके बावजूद पुलिस के साथ झड़प और पथराव की खबरें आईं। तो बेमियादी कर्फ्यू लगा दिया गया।
कुछ इलाकों में पुलिसवालों पर पथराव किया गया। हालात इतने बिगड़ गए कि सेना को बुलाना पड़ा। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का आरोप है कि जलाए गए झंडों पर कुछ धार्मिक लाइनें लिखी थीं। इसके विरोध में उन्होंने बंद का आह्रवान किया था। वे हिन्दुवादी संगठन के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने जारी की है कि गिरफ्तारी न होने पर प्रदर्शन किया जाएगा। हालांकि, प्रशासन ने दोनों पक्षों से शांति बरतने की अपील की है। बीते दिन शहर के पुराने इलाकों में लोगों ने कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए पुलिसवालों पर पथराव किया। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
डीएम के मुताबिक, इलाके में धारा 144 (चार या चार से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक) लगाई गई थी। इसके बावजूद, लोग घरों से निकल रहे थे, इस वजह से कर्फ्यू लगाना पड़ा।
इधर, डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने वीएचपी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘आईएसआईएस का झंडा आतंकी संगठन का प्रतीक है। वीएचपी कार्यकर्ताओं को अरेस्ट नहीं किया जा सकता। आतंकवादियों और देश विरोधी तत्वों का झंडा जलाना देशभक्ति का काम है।’