हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में सरगर्मी बढ़ती जा रही है। बीजेपी और शिवसेना एक दूसरे के आमने सामने आ खड़े हुए हैं। इसकी बानगी तब देखने को मिली जब लाउड स्पीकर के मसले पर बुलाई सर्वदलीय बैठक में बीजेपी नहीं पहुंची। बैठक के बाद भी शिवसेना और बीजेपी ने अलग-अलग प्रेस कांफ्रेंस की।
शिवसेना का कहना है कि लाउड स्पीकर विवाद पर मीटिंग में फैसला लिया गया है कि केंद्र कोई गाईडलाइन बनाए। उद्धव सरकार की तरफ से कहा गया कि इस मसले पर उनका एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार से मिलने की तैयारी में है। जो फैसला मोदी सरकार करेगी उसे यहां लागू किया जाएगा।
उधर, सूबे के सीएम रह चुके बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि उन्हें उद्धव के होम मिनिस्टर का न्योता मिला था। लेकिन पिछले पांच-छह दिनों में जो कुछ हुआ उसके बाद मीटिंग में जाना नहीं बनता। कोई हिटलर बनने पर आमादा है तो उससे बातचीत कैसी। उससे लड़ने में ही फायदा है।
फडणवीस ने कहा कि क्या हनुमान चालीसा पढ़ना राजद्रोह है? अगर हम यहां हनुमान जी की स्तुति नहीं करेंगे तो क्या पाकिस्तान में जाकर ये काम करना होगा। उनका कहना था कि महिला सांसद नवनीत राणा को जेल में पीने का पानी, वॉशरूम तक नहीं दिया।
नवनीत राणा ने आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक चिट्ठी लिखकर जेल में उन पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है। नवनीत ने कहा कि जेल में उन्हें पानी भी पीने नहीं दिया गया, क्योंकि वो अनुसूचित जाति से हैं। वो रात में बाथरूम जाना चाहती थीं पर पुलिस ने उनकी बात नहीं सुनी।
मुंबई पुलिस ने सांसद नवनीत राणा को भायखला महिला जेल में भेजा है। उनके पति रवि राणा को नवी मुंबई के तलोजा जेल ले जाया गया है। राणा दंपत्ति को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कही थी, जिससे शिवसेना के कार्यकर्ता बेहद आक्रोशित हो गए थे। उन्होंने राणा के आवास के आगे विरोध प्रदर्शन किया था।
मुंबई पुलिस ने राणा दंपत्ति के खिलाफ दर्ज केस में राजद्रोह का आरोप भी जोड़ दिया है। अदालत ने राणा दंपति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। पुलिस का कहना है कि रवि राणा को पहले ऑर्थर रोड जेल ले जाया गया था पर जगह नहीं होने के कारण उन्हें नवी मुंबई की तलोजा जेल ले जाया गया।