दुनिया भर में फैली कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से बचने के लिए लोग तरह तरह के एहतियाती उपाय अपना रहे हैं। ज्यादातर लोग मास्क का प्रयोग करते हैं, कुछ अन्य लोग अतिरिक्त सुरक्षा के लिए पारदर्शी प्लास्टिक की फेस शील्ड का प्रयोग कर रहे हैं। कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या मास्क की जगह फेस शील्ड का प्रयोग किया जा सकता है? वायरस से बचाव के लिए दोनों में कौन ज्यादा कारगर है?
डॉक्टर्स कभी भी मास्क के स्थान पर फेस शील्ड का प्रयोग करने के लिए नहीं कहते हैं। अभी इस मुद्दे पर शोध की कमी है कि क्या फेस शील्ड को लगाकर वायरस के फैलाव को रोका जा सकता है? हालांकि जो लोग अतिरिक्त सुरक्षा चाहते हैं वे लोग फेस शील्ड लगा सकते हैं।
जॉन होपकिंस अस्पताल में बायोकन्टेनमेंट इकाई के योजना प्रबंधक क्रिस्टोफर सुल्मोंट बताते हैं कि प्लास्टिक अवरोधक के रूप में एक फेस शील्ड आपको आपके आँखों, नाक आदि को बार बार छूने से रोकता है। आपको बता दें कि वायरस के प्रसार को रोकने का एक एहतियाती उपाय यह भी है कि अपने आँख, नाक, मुंह को न छुआ जाये। हाथ के द्वारा बार बार इन अंगों को छूने से वायरस के शरीर में प्रवेश करने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के अनुसार वायरस के फैलाव को रोकने वाली अच्छी फेस शील्ड वे हैं जो हुड के आकर में हों या चेहरे को किनारे और नीचे से भी ठीक से ढकती हों क्योंकि ऐसी शील्डों से छींक, कफ़, बातचीत करने के दौरान निकलने वाले ड्रापों के बहार फैलने की सम्भावना बेहद कम हो जाती है।
फेस शील्ड के प्रयोग में भी बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। यदि आप मास्क के अलावा किसी फेस शील्ड का प्रयोग कर रहे हैं तो आप को इसे हर बार प्रयोग के बाद साफ़ रखने की जरूरत है। इसे पहनने और उतरने के बाद हाथों को धोना चाहिए इसके साथ ही इसे उतारने के दौरान चेहरे को छूने से बचना चाहिए।