सरकार ने बुधवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआइ) पर आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए। महंगाई दर में बढ़ोत्तरी के लिए पिछले कुछ हफ्तों में सब्जियों विशेषकर टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी को वजह बताया जा रहा है।

मई में खुदरा मुद्रास्फीति 4.31 फीसद रही थी, जबकि साल भर पहले जून, 2022 में यह सात फीसद थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जून में खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति 4.49 फीसद रही जबकि मई में यह 2.96 फीसद थी। सीपीआइ में खाद्य उत्पादों का भारांक लगभग आधा होता है। जून में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़ने के बावजूद यह भारतीय रिजर्व बैंक के छह फीसद के संतोषजनक स्तर के नीचे है।

सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो फीसद घट-बढ़ के साथ चार फीसद तक सीमित रखने का दायित्व सौंपा हुआ है। रिजर्व बैंक ने पिछले महीने की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 6.5 फीसद पर कायम रखा था। इसके साथ ही उसने अप्रैल-जून तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के 4.6 फीसद पर रहने का अनुमान जताया था।उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआइ) मई में 2.91 फीसद से घटकर जून में 4.49 फीसद हो गई। ग्रामीण मुद्रास्फीति 4.72 फीसद रही है, जबकि शहरी मुद्रास्फीति 4.96 फीसद दर्ज की गई।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जून 2023 में सामान्य से कम बारिश के कारण सात जुलाई 2023 को सालाना आधार पर खरीफ की बुआई 8.7 फीसद कम रही है। उत्तर भारत में अधिक बारिश से खराब होने वाली वस्तुओं, खासकर सब्जियों की कीमतों में वृद्धि से फूड महंगाई और बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा भारत में मानसून और बुआई पर अल नीनो के प्रभाव की सावधानीपूर्वक निगरानी करने की आवश्यकता है।

राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार खरीदेगी टमाट

नई दिल्ली : केंद्र ने बुधवार को सहकारी समितियों राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से टमाटर खरीदने का निर्देश दिया। आम लोगों को राहत देने के लिए प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों पर घटी दरों के साथ टमाटर वितरित किए जाएंगे।

पिछले एक महीने में टमाटर की खुदरा कीमतों तेजी से बढ़ी हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 14 जुलाई से दिल्ली-एनसीआर के उपभोक्ताओं को घटी दरों पर खुदरा दुकानों के जरिए टमाटर बेचे जाएंगे। भारी बारिश के कारण आपूर्ति बाधित होने से देश के कई हिस्सों में टमाटर की खुदरा कीमतें 200 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं।

थोक मंडियों में इसके भाव 150 रुपए से 180 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं। बाजार के जानकारों के अनुसार बीते एक पखवारे दौरान ही बाजार में टमाटर की कीमतें चार गुना और कहीं-कहीं उससे भी ज्यादा हो गर्इं हैं। उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ और राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ टमाटर खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्रालय के अनुसार पिछले एक महीने में जिन स्थानों पर खुदरा कीमतें राष्ट्रीय औसत से अधिक रही हैं, वहां टमाटर घटी कीमतों पर वितरित किए जाएंगे।

मंत्रालय ने कहा कि जिन स्थानों पर टमाटर की खपत अधिक है, वितरण के लिए उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। मंत्रालय ने यह भी कहा कि जुलाई-अगस्त और अक्तूबर-नवंबर में टमाटर का उत्पादन कम होता है। इसके अलावा मानसून के कारण आवागमन संबंधी बाधाओं से भी कीमतें बढ़ी हैं।दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में आवक मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश से होती है।

इसके अलावा दक्षिण के राज्य टमाटर उत्पादन में अग्रणी हैं। मंत्रालय ने कहा कि नासिक जिले से नई फसल की आवक जल्द होने की उम्मीद है। बयान के मुताबिक, ‘निकट भविष्य में कीमतें कम होने की उम्मीद है।’