संशोधित नागरकिता कानून (सीएए) के विरोध में इंदौर से भाजपा पार्षद उस्मान पटेल ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि सीएए एक समुदाय के साथ भेदभाव करता है। इसके साथ ही पार्षद ने कहा है कि बीजेपी नफरत की राजनीति कर रही है। खजराना के वॉर्ड- 38 के वर्तमान इलाके के पार्षद ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा ‘मुझे अपने पद से इस्तीफा देने के लिए समय लग गया क्योंकि मैं कानूनी विशेषज्ञों से संशोधित नागरिकता कानून की बारीकियों को समझना चाहता था। हालांकि, अब मुझे लगता है कि कानून मुसलमानों के खिलाफ है।’
पटेल ने अपने समर्थकों के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कहा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री और पार्टी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी से प्रेरित होकर भगवा पार्टी में शामिल हुए थे। पटेल ने त्यागपत्र के साथ एक वीडियो भी जारी किया है। उन्होंने कहा इस समय देश तोड़ने की विचारधारा काम कर रही है, इस वजह से मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूं। पार्टी के जो सिद्धांत थे अब वह बदल गए हैं। सीएए और एनसीआर और एनपीआर लाया गया है, वह मुस्लिम विरोधी है, देश के संविधान के खिलाफ है।’
बता दें कि पटेल ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश में भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के कई सदस्यों ने पिछले कुछ हफ्तों में इस्तीफे दिए हैं। सीएए और एनआरसी के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि सीएए संविधान का उल्लंघन करता है और धर्म के आधार पर भेदभाव करता है।
MP: Indore BJP councillor resigns over CAA, accuses party of practising politics of hatred
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— The Indian Express (@IndianExpress) February 8, 2020
हालांकि स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने इन बातों का खंडन किया है। पीएम ने कहा है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को यह कानून भारत की नागरिकता देगा। उन्होंने कह कि इससे किसी की भी नागरिकता को खतरा नहीं है।

