काले धन को लेकर पिछले साल ‘स्विस लीक्स’ के जरिए सामने आई लिस्ट में 1100 से ज्यादा भारतीयों के नाम होने की बात कही थी। इस मुद्दे पर देश में काफी डिबेट हुई थी। अब पनामा की लॉ फर्म Mossack Fonseca के 1.1 करोड़ से ज्यादा गोपनीय दस्तावेजों से कई बड़े नामों का खुलासा हुआ है जिन्होने टैक्स हेवन देश में कंपनियां खोलीं। इनमें करीब 500 भारतीयों के भी नाम हैं। दस्तावेजों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ समेत दुनियाभर के कई बड़े नेताओं के नाम हैं, जिन्होंने टैक्स हैवन देशों में अकूत संपत्ति जमा की।
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दस्तावेजों में अमिताभ बच्चन, उनकी बहू ऐश्वर्या राय बच्चन, डीएलएफ के ऑनर केपी सिंह, गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी और इंडियाबुल्स के समीर गहलोत के नाम भी हैं। एक नाम इकबाल मिर्ची का भी है। मिर्ची को अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम का खास मददगार माना जाता था। उसकी तीन साल पहले लंदन में मौत हो चुकी है। पनामा से ये दस्तावेज ऐसे समय पर सामने आए हैं, जब भारत में एक स्पेशन इन्वेस्टिगेटिव टीम काले धन की जांच कर रही है। मोदी सरकार ने मई 2014 में सरकार गठन के साथ ही काले धन को लेकर एसआईटी बना दी थी।
इंडियन एक्सप्रेस द्वारा आठ महीने तक 36000 फाइलों की जांच में सामने आया कि पनामा की फर्म को 234 भारतीय पासपोर्ट भी दिए गए। इनमें से इंडियन एक्सप्रेस ने 300 पतों की सत्यता का पता भी लगाया। जांच में सामने आया कि कई पतों पर वे व्यक्ति नहीं मिले। वहीं एक मामले में तो मुंबई की एक चॉल का पता दिया गया। आरबीआई के नियमानुसार 2003 से पहले तक किसी भारतीय को विदेश में कंपनी बनाने का अधिकार नहीं था। 2004 में पहली बार ऋणमुक्त 25 हजार डॉलर के फंड की छूट दी गई थी।