भारतीय रेलवे अब मध्यम और गरीब वर्ग के लिए भी एसी कोच में सफर को आसान बनाने की कवायद में लगा है। इसी सिलसिले में रेलवे ने इस हफ्ते की शुरुआत में एसी-3 इकोनॉमी क्लास के नए डिब्बों के एक प्रोटोटाइप को मंजूरी दी है। बताया गया है कि इस तरह के कोच को बिना एसी वाले स्लीपर कोच की तर्ज पर बनाया गया है, ताकि सामान्य यात्रियों के लिए इन्हें वहनीय बनाए रखा जा सके।

बता दें कि रेलवे ने पिछले साल ही ऐसे कोच बनाने के जिम्मेदारी कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री को दी थी। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने पहले ही जानकारी दी थी कि पैसेंजरों को ज्यादा सुविधा देने के मद्देनजर इन डिब्बों को स्लीपर क्लास कोच की तरह तैयार किया जा रहा है, जिनमें सिटिंग क्षमता स्लीपर क्लास की तरह होगी, लेकिन इनमें एसी की सुविधा जोड़ दी जाएगी।

AC Three Tier Economy, Indian Railways
एसी-थ्री टियर इकोनॉमी क्लास को रेलवे ने नई तरह से डिजाइन किया है। (फोटो- PTI)

एसी-3 टियर एकमात्र ट्रैवल क्लास है, जो रेलवे के लिए लाभ पैदा करता है। इसे पैसेंजरों के बीच काफी लोकप्रिय भी माना जाता है। हालांकि, इसमें बैठने की क्षमता स्लीपर क्लास से कम होती है। एसी-3 इकोनॉमी क्लास में रेलवे ने इस अड़चन को दूर कर दिया है, जिससे पैसेंजरों के लिए एसी कोच में सफर करना वहनीय रहेगा।

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इन एसी थ्री टियर इकोनॉमी कोच को डिजाइनिंग लखनऊ में की गई है, इनका उत्पादन कपूरथला में रेल कोच फैक्ट्री में होगा। (फोटो- PTI)

नए एसी-3 टियर इकोनॉमी क्लास डिब्बों की जो फोटो सामने आई हैं, उनसे साफ है कि रेलवे ने इन डिब्बों को स्लीपर के बजाय एसी-3 टियर की तर्ज पर अपग्रेड किया है। रेल कोच फैक्ट्री, कपूरथला के जनरल मैनेजर रविंदर गुप्ता ने कहा, “हम फरवरी के अंत से ही इन कोच का उत्पादन शुरू कर देंगे। हम इसमें सामान्य आदमी को हवाई यात्रा जैसा अनुभव देने की कोशिश में हैं।” बताया गया है कि आरसीएफ पहले चरण में ऐसे 248 कोच का उत्पादन करेगा। इसमें 2.8 करोड़ रुपए से 3 करोड़ रुपए प्रति कोच का उत्पादन खर्च अनुमानित है। यह पुराने एसी-3 टियर कोच से 10 फीसदी ज्यादा है।

हालांकि, अगर इन कोच की पैसेंजर क्षमता की बात की जाए, तो ये स्लीपर क्लास की 72 और एसी-3 टियर की 64 सीटों की क्षमता से ज्यादा है। नए एसी-3 इकोनॉमी क्लास कोच में 83 पैसेंजर्स के लिए व्यवस्था होगी। डिब्बों की इन बढ़ी हुई क्षमता से रेलवे को होने वाली आमदनी में बढ़ोतरी होगी।

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रेलवे ने हर बर्थ पर अलग एसी डक्ट्स भी दी हैं। (फोटो- PTI)

इन रेलवे कोच में सिटिंग क्षमता बढ़ाने के लिए हाई-वोल्टेज इलेक्ट्रिक स्विच गियर को पहली बार अंडरफ्रेम में लगाया गया है। इसके अलावा लग्जरी कारों की तरह इन कोच में हर बर्थ में अलग एसी वेंट होगी। इसके लिए रेलवे ने अपने एसी डक्ट सिस्टम को बदला है। इसके अलावा सभी कोच के टॉयलेट में बड़े और दिव्यांगों के लिए सुविधा वाले दरवाजे लगाए गए हैं। साथ ही वेस्टर्न और ईस्टर्न स्टाइल टॉयलेट के डिजाइनों में भी बदलाव किया गया है।

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नए कोच में मिडिल बर्थ और अपर बर्थ में ज्यादा हेडस्पेस दिया गया है, साथ ही ऊपर चढ़ने की व्यवस्था भी बदली गई है। (फोटो- PTI)

नए कोच में तीसरी बर्थ पर चढ़ने का डिजाइन भी अलग है। इसके अलावा मिडिल बर्थ और अपर बर्थ में ज्यादा हेडरूम भी दिया गया है। हर बर्थ पर एक स्नैक टेबल और मोबाइल, पानी की बोतल के होल्डर भी लगाए गए हैं। विमान की तरह ही सभी डिब्बों के अंदर नाइट लाइट्स में बर्थ नंबर दिए गए हैं। इससे रात में सफर करने वाले उन पैसेंजर्स की समस्या खत्म करने की कोशिश की गई है, जिन्हें बर्थ चेक करने के लिए लाइट जलानी पड़ती थी और इससे सभी को परेशानी होती थी। खिड़कियों पर एडजस्टेबल परदे भी दिए गए हैं।