भारतीय रेलवे जल्द ही करीब 100 और यात्री ट्रेनें चलाने पर विचार कर रहा है। इन ट्रेनों में अंतरराज्यीय और एक राज्य से दूसरे राज्य जाने वाली ट्रेनें भी होंगी। सूत्रों के अनुसार, रेलवे ने यह प्रस्ताव अभी केन्द्रीय गृह मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजा हुआ है। जैसे ही वहां से मंजूरी मिलती है वैसे ही रेलवे द्वारा इसका ऐलान कर दिया जाएगा। ये सभी ट्रेनें ‘विशेष ट्रेनें’ कहलाएंगी।

बता दें कि अभी देश में करीब 230 एक्सप्रेस ट्रेनें संचालित हो रही हैं। जिनमें 30 राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनें भी शामिल हैं। रेलवे ने इससे पहले भी कहा था कि चरणबद्ध तरीके से मांग और कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए ट्रेनों को चलाने का फैसला किया जाएगा। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, अनलॉक 4.0 के तहत सरकार ने जिस तरह से लॉकडाउन में छूट दी है और अब मेट्रो ट्रेनों को चलाने की अनुमति दी है, उससे लग रहा है कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से रेलवे को भी 100 विशेष ट्रेनें संचालित करने की अनुमति मिल जाएगी।

केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को ट्वीट कर जानकारी दी कि भारतीय रेलवे के अभी तक 960 रेलवे स्टेशन सोलर उर्जा से चल रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि रेलवे 2030 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन के अपने लक्ष्य के और करीब पहुंच गया है। देश के जो स्टेशन सोलर ऊर्जा से चल रहे हैं, उनमें वाराणसी, नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, जयपुर, सिकंदराबाद, कोलकाता, गुवाहाटी, हैदाराबाद और हावड़ा प्रमुख हैं।

रेलवे ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से फिर से विकसित करने का फैसला किया है। इसके लिए रेलवे ने निविदा निकाली हैं। रेलवे की योजना है कि नई दिल्ली स्टेशन को कमर्शियल, रिटेल और हॉस्पिटैलिटी हब के रूप में विकसित किया जाए।

हाल ही में खबर आयी थी कि कोरोना माहमारी खत्म होने के बाद अपनी पूर्ण सेवाओं के दौरान भी रेलवे अब एसी कोच में कंबल, तकिया और तौलिया-चादर की सुविधा नहीं देने पर विचार कर रहा है। हालांकि अभी इस बारे में अंतिम फैसला नहीं किया गया है। रेलवे बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों और क्षेत्रीय मंडल स्तर के अधिकारियों की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई है। रेलवे ने लिनेन को धोने के लिए स्थापित मैकेनाइज्ड मेगा लॉन्ड्री के भविष्य को लेकर भी एक समिति बनायी है, जो कि फैसला करेगी कि रेलवे के उक्त फैसले के बाद इनका क्या किया जाएगा।