Indian Railways, IRCTC, Indo-Pak Train Samjhauta Express Services Suspended Full News & Details in Hindi: जम्मू और कश्मीर पर नरेंद्र मोदी सरकार के हालिया ऐतिहासिक फैसले से चिड़चिड़ाए पाकिस्तान ने गुरुवार (आठ अगस्त, 2019) को भारत-पाक के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन बीच में वाघा (पाक में) पर ही छोड़ दी। पाकिस्तान ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए ट्रेन रोकी, जिसमें 110 यात्री कुछ वक्त के लिए वहां फंस गए। हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने पाक की ओर से सुरक्षा को लेकर जताई आशंका खारिज की है और वे ट्रेन लेकर अटारी के लिए रवाना हुए।

रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “दोपहर दो बजकर 14 मिनट पर हमें पाक अधिकारियों से पता चला तो हमने उन्हें आश्वस्त किया कि सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है और ट्रेन यहां आनी चाहिए। हमने उन्हें यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भारतीय चालक दल के सदस्य और गार्ड इसे सुरक्षा देते हुए वाघा से अटारी तक ले जाएगे।”

इसी बीच, पाक रेल मंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा कि समझौता एक्सप्रेस सेवा स्थाई तौर पर रोक दी गई है। जिन्होंने इसके टिकट खरीदे हैं, वे लाहौर डीएस ऑफिस से उनके बदले में पैसे वापस पा सकते हैं। हालांकि, भारत में उत्तरी रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने कुछ ही देर बाद साफ किया कि समझौत एक्सप्रेस सेवा अभी भी जारी है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने सुरक्षा को लेकर चिंताएं जताई थीं। हमने उन्हें बताया है कि स्थिति सामान्य है।

बकौल सीपीआरओ, “ट्रेन फिलहाल वाघा की ओर है, जिसमें 110 यात्री हैं। हम ट्रेन और यात्रियों को वाघा से अटारी लेकर आएंगे, जबकि पाक जाने वाले 70 यात्री यहां इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में यह कहना गलत है कि ट्रेन सेवा रद्द कर दी गई है।”

VIDEO: पाकिस्तान से अटारी (भारत) पहुंची ट्रेनः 

यही नहीं, अनुच्छेद 370 पर भारत के कदम को न पचा पाने पर पाकिस्तान ने इसके अलावा अपने यहां भारतीय फिल्में भी बैन कर दी हैं। ‘जिया न्यूज’ के मुताबिक, सूचना और प्रसारण मामलों में पीएम इमरान खान के स्पेशल असिस्टेंट डॉ.फिरदौस आशिक ने कहा कि पाकिस्तान में कोई भी फिल्म नहीं दिखाई जाएगी।

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बता दें कि एक दिन (सात अगस्त) पहले ही इस कश्मीर मुद्दे पर पाक बौखलाहट दिखी थी। वहां के पीएम इमरान खान की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में न केवल भारत के साथ पाक ने अपने राजनयिक रिश्ते घटाने का निर्णय लिया, बल्कि दोनों देशों के बीच कारोबार निलंबित करने और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के मसले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में उठाने का ऐलान भी किया।

हालांकि, भारत का इस बाबत कहना था कि पाकिस्तान सबसे पहले अपने देश में आतंकवाद पर लगाम लगाए। वह इस मसले पर झूठ न बोले। पाक की इस ताजा कार्रवाई से निराशा और हताशा की साफ बू आती है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तानी सरकार ने इस ट्रेन की सेवाओं को जम्मू-कश्मीर में 14 फरवरी, 2019 को हुए पुलवामा हमले के बाद निलंबित कर दिया था। वैसे, कुछ महीने बाद ट्रेन सेवा बहाल कर दी गई थी।

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समझौता एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत 22 जुलाई, 1976 को हुई थी। यह शिमला समझौते के अंतर्गत दोनों देशों के रिश्ते ठीक करने के मकसद से चलाई गई थी। गाड़ी पुरानी दिल्ली से अटारी (भारत) होते हुए लाहौर (पाकिस्तान) के बीच का सफर तय करती है। इस ट्रेन में छह स्लीपर कोच रहते हैं, जबकि एक एसी-3 टियर बोगी होती है।

भारत की तरफ से यह ट्रेन दिल्ली से अटारी के बीच जबकि पाकिस्तान की ओर से यह लाहौर से वाघा के बीच चलती है। सीमा बदलते ही यात्रियों को दूसरे देश की बोगी में शिफ्ट करा दिया जाता है। मसलन अटारी आने पर यात्री पाकिस्तानी रैक (बोगियां) से उतरकर भारतीय रैक में बैठकर दिल्ली आते हैं। ठीक ऐसा ही उधर जाने पर भी होता है।