भारतीय रेल की खस्ता हालत के पीछे अक्सर सरकार और तंत्र को कोसा जाता है। लेकिन कुछ हद तक इसके लिए यात्री भी जिम्मेदार होते हैं। देश को आइना और रेल यात्रियों का हाल दिखाने वाली एक घटना हाल ही सामने आई है। महाराष्ट्र के मुंबई में एक ट्रेन में दी जाने वाले संसाधन-सुविधाओं के साथ जमकर छेड़खानी की गई। कोच में ट्रे टेबल को नुकसान पहुंचाया गया, जबकि पर्दे नोचे गए। आलम यह था कि यात्रियों ने डस्टबिन तक को नहीं छोड़ा।
मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला मुंबई-मनमाड पंचवटी एक्सप्रेस से जुड़ा है। चार महीने पहले ही इसे लिंक हफमैन बुश (एलएचबी) बोगियों से अपग्रेड किया गया था। पर हाल ही में जब उसका निरीक्षण किया गया तो हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई। ट्रेन की बोगियों में ट्रे टेबल टूटी मिली, जबकि आर्मरेस्ट और पर्दे बुरी तरह से नुचे हुए थे। खिड़कियों में भी टूट-फूट पाई गई। वहीं, नल, लगेज रैक, डस्टबिन और शीशे चोरी हो चुके थे।
रिपोर्ट में दावा किया गया कि ट्रेन में टूट-फूट और चोरी की इस घटना से मध्य रेलवे पर तकरीबन नौ लाख रुपए का बोझ बढ़ गया। कारण- ट्रेन में हुए नुकसान को दुरुस्त कराने में लगभग इतनी ही रकम का बिल बना था। ट्रेन में जगह-जगह पान खाकर थूकने के निशान भी पाए गए।
आपको बता दें कि मई में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था। तब तेजस एक्सप्रेस में टूट-फूट हुई थी, जिसमें एलसीडी स्क्रीन्स को भी नुकसान पहुंचाया गया था। मुंबई से गोवा जाने वाली इस ट्रेन में टूट-फूट की घटना के बाद रेल मंत्रालय ने एलसीडी स्क्रीन की सुविधा बंद कर दी थी। उससे पहले मार्च में रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों को दी जाने वाली सुविधा-संसाधनों के साथ किए जाने वाले बर्ताव को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी।
बाद में महानमना एक्सप्रेस में भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जबकि जून में गोमती एक्सप्रेस में लगी दर्जनों कीमती टोटियां पार कर दी गई थीं। टोटियों के अलावा अल्युमिनियम की फिटिंग भी गायब थीं। यह ट्रेन दिल्ली से लखनऊ तक चलती है।
