केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच मार्च में ही यात्री ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया था। लॉकडाउन का ऐलान होने के साथ ही परिवहन और रेल मंत्रालय ने साफ कर दिया था कि इसकी अवधि खत्म होने तक देश में कोई भी सार्वजनिक वाहन और ट्रेनें नहीं चलेंगी। हालांकि लॉकडाउन खत्म होने की तारीख नजदीक आते ही सरकार ने राज्यों को प्रवासी मजदूरों और छात्रों को लाने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन रेल सेवा को अभी तक चालू नहीं किया गया था। सिर्फ अंतर्राज्यीय बस सेवाओं की ही छूट दी गई थी। हालांकि, राज्यों के विरोध के बाद अब सरकार ने ट्रेनों से मजदूरों को लाने-ले जाने की व्यवस्था भी शुरू कर दी है।

रेल मंत्रालय ने आज प्रवासी मजदूरों की यात्रा के लिए तेलंगाना से झारखंड के लिए पहली 22 डिब्बों की स्पेशल ट्रेन को चलाने की अनुमति दी। इसमें 1000 प्रवासी मजदूरों को ले जाया गया। रेल मंत्रालय के मुताबिक, ट्रेन हैदराबाद के लिंगमपल्ली से झारखंड के हटिया तक गई। इसके लिए तेलंगाना सरकार ने ही मांग की थी। अगर दूसरे राज्य इसकी मांग करते हैं, तो रेल मंत्रालय के निर्देश पर ट्रेनों को चलाने की योजना बनाई जाएगी।

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साउथ-सेंट्रल रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि अभी मंत्रालय की तरफ से और ट्रेन चलाने के निर्देश नहीं हैं। जो स्पेशल ट्रेन आज हैदराबाद से चलाई गई, उसका बीच में कहीं स्टॉपेज नहीं है। इसमें 22 कोच हैं, जिनमें स्लीपर से लेकर जनरल तक शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि पैसेंजर्स को जरूरी एहतियात बरतने के बाद ही रवाना किया गया है। ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने के साथ पैसेंजर्स की स्क्रीनिंग भी की गई है। बताया गया है कि ट्रेन में सवार सभी लोग झारखंड के ही हैं, ये सभी लॉकडाउन के दौरान आईआईटी हैदराबाद कैंपस में रखे गए थे।

गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान ट्रेनें बंद होने की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी का सामना प्रवासी मजदूरों को ही करना पड़ा है। हजारों की संख्या में लोग परिवहन सेवाओं की कमी के चलते पैदल ही घर पहुंच गए।

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