कोविड महामारी के दौरान रेलवे की ओर से टिकट कंफर्म होने पर ही यात्रा करना अनिवार्य कर दिया गया है। इस कारण लोग अब टिकट की बुकिंग कराने और कंफर्म हो जाने पर ही यात्रा करते हैं। हालाकि कुछ रियायतों के तहत अब प्‍लेटफॉर्म से टिकट लेकर यात्रा किया जा सकता है। वहीं कुछ लोग पहले ही अपने मोबाइल या डिवाइस से ट्रेन टिकट बुक कर लेते हैं। इसके अलावा कुछ लोग यात्रा करने के लिए एजेंट से भी संपर्क करते हैं। ऐसे में Indian Railway IRCTC की ओर से अवैध रूप से टिकट बुक न कराने की चेतावनी दी जाती है।

क्‍योंकि एजेंट टिकट बुकिंग के नाम पर लोगों से ज्यादा पैसे वसूलते हैं और कई बार गलत टिकट भी दे देते हैं। अब रेलवे ने इसे लेकर सख्‍ती दिखाई है। पश्चिम रेलवे ने हाल ही में अवैध तरीके से टिकट बुक करने वाले और यात्रियों से ज्यादा पैसा लेने वाले एजेंटों पर सख्ती दिखाई है। ऐसे लोगों पर रेलवे कार्रवाई कर रहा है। पश्चिम रेलवे के सुरक्षा बलों की तरफ से छह मंडलों में हर दिन विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। रेलवे ने कहा है कि आम लोग भी इसे लेकर सावधान रहें।

2.15 करोड़ रुपये के ई-टिकटों को किया गया जब्‍त
पश्चिमी रेलवे के द्वारा अभी तक करीब 2.15 करोड़ रुपये के ई-टिकटों व यात्रा-सह-आरक्षण टिकटों को जब्त किया जा चुका है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसके लिए विशेष टीम का गठन किया गया है, जो जगह- जगह पर इसकी जांच कर रहे हैं। सामने आए केसों में जानकारी हुई है कि कई ऐसे फर्जी एजेंट हैं जो इन टिकटों को फर्जी तरीके से बनाकर बेंच रहे हैं और लोगों से तत्‍काल यात्रा व अन्‍य सफर के लिए अधिक पैसा वसूल रहे हैं। इसमें कुछ अधिकृत आईआरसीटीसी एजेंट भी शामिल थे, जिन्होंने टिकट जारी करने के लिए फर्जी व अवैध चीजों का उपयोग किया।

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फर्जी तरीके से टिकट पकड़े जाने पर क्‍या होगा
अगर कोई ऐसी टिकट पकड़ी जाती है तो, उस टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों का टिकट जब्‍त कर लिया जाता है और टिकट का पैसा भी नहीं दिया जाता है। जिसके बाद इस टिकट पर यात्रा नहीं किया जा सकेगा। साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इस कारण रेलवे की ओर से लोगों को एजेंट से टिकट बुक कराते समय सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।

क्‍या हो रही है कार्रवाई
रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार ऐसे लोगों पर धारा 143 के कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाती है। इन एंजेंटों पर केवल जुर्माना वसूला जाता है। इनपर आईपीसी की धारा नहीं लागू होती है। हालाकि यह जुर्माना अधिक लिया जाता है तो ताकि आने वाले समय में दोबारा यह काम न कर सकें।