Arjun MK-1A टैंक मिलने के बाद इंडियन आर्मी ने दुनिया की सबसे खतरनाक सेना बनने की तरफ एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। हो भी क्यों न, अपग्रेड होने के बाद अर्जुन हर तरह से खतरनाक हो गया है। लक्ष्य को भेदने की अचूक क्षमता के कारण ही इस टैंक का नाम अर्जुन रखा गया था। अर्जुन में 120 एमएम की राइफल गन है। टैंक में फिट गन एक बार में 3000 राउंड फायरिंग कर सकती है। ये कभी भी अपना निशाना नहीं चूकती है।
अर्जुन टैंक का नाम महाभारत के सर्वश्रेष्ठ धर्नुधर अर्जुन के नाम पर पड़ा है। अर्जुन प्रोग्राम 1972 में लॉन्च हुआ था, हालांकि इसका बड़े पैमाने पर निर्माण तमिलनाडु के आवडी की आर्डिनेंस फैक्ट्री में 1996 से शुरू किया जा सका। प्रोग्राम में देरी की वजह से सेना को रूस से टी-90S टैंक्स ऑर्डर करने पड़े थे ताकि वो अपनी जरूरतों को पूरा कर सके। MK-1A में मोबिलिटी और बेहतर हथियारों से लैस है। इंडियन आर्मी ने इसके ट्रायल पर काफी समय खर्च किया। इन 118 अर्जुन टैंक से सेना में बख्तरबंद कोर में दो रेजिमेंट बनाई जाएगी।
रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में 118 Arjun MK-1A टैंक को सेना में शामिल किए जाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी। इनकी कीमत करीब 8,400 करोड़ रुपए है। एक यूनिट की कीमत करीब 56 करोड़ है। ये सेना को लैंड वारफेयर में और ताकतवर बनाएंगे। अर्जुन टैंक्स को दुनिया के ताकवर टैंकों की श्रेणी में रखा जाता है। अर्जुन 450 किलोमीटर तक की रेंज में मौजूद दुश्मन को ढेर कर सकता है। अर्जुन 67 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम स्पीड हासिल कर सकता है। इसके अलावा एक पीकेटी 7.62 एमएम की मशीन गन और एक एनएसवीटी 12.7 एमएम मशीन गन इसमें फिट की गई है।
यह 12 स्मोक्ड हैंड ग्रेनेड्स से भी हमला कर सकता है। इसमें चार लोगों के क्रू के लिए जगह है जिसमें कमांडर, गनर, लोडर और ड्राइवर शामिल होंगे। इसकी ऑटोमैटिक फायर डिटेक्शन और सप्रेशन एवं एनबीजी प्रोटेक्शन सिस्टम भी इंस्टॉल है। Mk-1A को 14 बार अपग्रेड किया गया है। अर्जुन में इंस्टॉल टारगेट ट्रैकिंग की वजह से यह रात में भी दिन की तरह मारक है।
Tamil Nadu is emerging as a tank production hub. From Tamil Nadu, the movement towards a modernised and self-reliant defence sector gets momentum. pic.twitter.com/smh3WzsAqT
— Narendra Modi (@narendramodi) February 14, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने MK-1A टैंक रविवार को सेना को सौंप दिया। एक समारोह में उन्होंने इसकी चाभी सेना प्रमुख एमएम नरवणे को सौंप दी। अर्जुन श्रेणी के काफी टैंक पहले ही पश्चिम रेगिस्तान में पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात हैं। गौरतलब है कि जैसलमेर के लोंगेवाला सीमा पर जवानों के साथ बीते साल दिवाली मनाने गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस अर्जुन टैंक पर सवारी की थी, उसका ही उन्नत संस्करण MK-1A अब भारतीय सेना का हिस्सा बनने वाला है। सेंसर्स की वजह से अपग्रेड अर्जुन और ज्यादा विध्वंसक हो गया है। इनकी वजह से टैंक किसी भी तरह के परमाणु हमले से भी बच सकेगा। खास बात है कि इसके लेटेस्ट वर्जन में 54.3% देसी तकनीक शामिल है, जबकि पहले का वर्जन 41% देसी तकनीक से बना था।