कविता जोशी
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने इस वर्ष 6 राज्यों में कुल 10 ऐतिहासिक महत्व के स्थानों का खुदाई के लिए चयन किया है। इसमें उसका मानना है कि इस दौरान उसे इतिहास को लेकर कुछ नई और रोचक जानकारी मिल सकती है। जिससे विभिन्न कालखंड़ों से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण तिथियों का सही निर्धारण कर इतिहास को और अधिक बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सूत्रों ने बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 में हमारे पास देशभर से ऐतिहासिक महत्व के स्थानों की खुदाई को लेकर पुरातत्वविदों के कई प्रस्ताव आए थे। लेकिन उनमें से 10 को ही अंतिम मंजूरी प्रदान की गई है।
जंगली स्थान के टीले पर खुदाई का कार्य करने जा रही एएसआइ के पटना अंचल की अधीक्षण पुरातत्वविद् गौतमी भट्टाचार्या ने बताया कि यह स्थान ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण विक्रमशिला महाविहार के करीब स्थित है। जहां 80 के दशक में एएसआइ ने खुदाई का काम किया था। लेकिन जंगली स्थान का टीला एक ऐसा इलाका है। जहां आज तक खुदाई का कोई कार्य नहीं किया गया है। हमारा आकलन है कि यहां टीले और उसके आसपास ऐतिहासिक दृष्टिकोण से काफी क्षमता मौजूद है। ऐसे में खुदाई के दौरान कई अहम जानकारियां और अवशेष मिल सकते हैं। जिनसे यह पता लगाया जा सकता है कि वास्तव में इस स्थान की हकीकत क्या है।
एएसआइ द्वारा चयनित 10 जगहों में बिहार के भागलपुर जिले में मौजूद जंगली स्थान का टीला, ओड़िशा के कटक जिले में मौजूद बाराबती किला, ओड़िशा के जगपुर में रत्नागिरी, झारखंड के गुमला में जगन्नाथ मंदिर और उसके आसपास की जगह, महाराष्ट्र के नागपुर जिले में कोल्हा तहसील और वर्धा जिले में खारवडा में स्टोन सर्कल, बिहार के नालंदा जिले में अजातशत्रु का किला मैदान, नया राजगीर, केरल के कन्नूर जिले में एझिमाला और उसके आसपास का इलाका, तमिलनाडु में डोंबीचेरी ऐतिहासिक स्थल, केरल और तमिलनाडु में मौजूद ऐतिहासिक महत्व के कई मंदिर शामिल हैं।
विभाग के सूत्रों ने बताया कि मानसून का मौसम खत्म होने के बाद एएसआइ के 10 लोगों की टीम इन जगहों पर खुदाई के कार्य की शुरुआत करेगी। इसमें अनुभवी पुरातत्वविद्, डाट्समैन, सर्वे करने वाले अधिकारी और छायाकार शामिल हैं। हालांकि टीम का यह आंकड़ा खुदाई से जुड़े हुए स्थान और उसकी जरूरत के हिसाब से घटाई या बढ़ाई जा सकती है। इस कार्य को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा एएसआइ को आबंटित किए जाने वाले 20 करोड़ रुपए के बजट में से ही पूरा किया जाएगा।
