First Tilting Train: भारत (India) को अपनी पहली टिल्टिंग ट्रेन (First Tilting Train) 2025-26 तक मिलेगी। स्विट्जरलैंड (Switzerland) के सहयोग से भारत (India) ऐसी ट्रेनें विकसित करने जा रहा है जो मोड़ पर एक ओर वैसे ही झुक जाएंगी, ठीक उस तरह से जैसे घुमावदार रास्तों पर मोटरबाइक (Motorbike) झुक जाती हैं। इसके अलावा 100 वंदे भारत (Vande Bharat) भी इसी तर्ज पर अब तैयार की जा रही हैं, जो घूमती पटरियों (Mooving Track) पर शान से दौड़ेंगी।

अभी तक 11 देशों में चल रही हैं Tilting Train

दोनों देशों के बीच 2017 में ये समझौता (Contract) किया गया था, ऐसी ट्रेनें अभी तक सिर्फ 11 देशों में चल रही हैं। भारतीय रेलवे (Indian Railway) का कहना है कि योजना पर तेजी से काम चल रहा है। आगामी दो से तीन सालों में भारत (India) को ये पहली मोटर बाइक (Motorbike) जैसे चलने वाली ट्रेन मिल जाएगी। उसी दौरान 100 वंदे भारत (Vande Bhart) भी तैयार हो जाएंगी जो टिल्टिंग (Tilting) होंगी। रूस,फिनलैंड, इटली, स्लोवेनिया, चेक गणराज्य, चीन,जर्मनी, पुर्तगाल, रोमानिया, ब्रिटेन और स्विट्जरलैंड शामिल है।

100 से अधिक Vande Bharat ट्रेनों में दी जाएगी ये तकनीक

भारतीय रेलवे के एक अधिकारी ने बताया,’हम जल्द ही भारत में टिल्टिंग ट्रेनें चलाएंगे। इसके लिए हम एक टेक्नोलाजी पार्टनर के साथ पार्टनरशिप करेंगे। आने वाले 2 से 3 सालों में हमारे पास इस तकनीकि के प्रयोग वाली 100 वंदे भारत ट्रेनें तैयार की जाएंगी। उन्होंने इस दौरान ये भी बताया कि इस तरह से टिल्टिंग ट्रेनें घुमावदार ट्रैक पर कैसे तेज गति से चलेंगी। जब इस तरह की ट्रेन जब किसी घुमावदार ट्रैक पर अचानक से मुड़ती है तो यात्रियों को सहारा लेना होता है, लेकिन इस तकनीक के प्रयोग से यात्रियों को पहले की तुलना में अब ज्यादा आराम मिलेगा।

जानिए वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) की खासियत

वंदे भारत ट्रेन देश की तीसरी सेमी हाई स्पीड ट्रेन है। इस ट्रेन को पीएम मोदी के ‘मेक इन इंडिया’प्लान के तहत बनाया गया है। इस ट्रेन के सभी पार्ट्स स्वदेशी हैं जो कि भारत में ही बनाए गए हैं। वंदे भारत में 16 कोच हैं। ये ट्रेन एक सेमी हाई स्पीड ट्रेन है। इस ट्रेन का इंजन सेल्फ प्रोपेल्ड है। इसके दरवाजे ऑटोमेटिक हैं। इसमें वातानुकूलित चेयरकार है, जो घूमने वाली है। ये चेयर 180 डिग्री तक घूम सकती है। इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 180 किमी प्रतिघंटे तक हो सकती है। ये महज 52 सेकेंड में ही 100 किमी प्रतिघंटे की स्पीड हासिल कर सकती है।