अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पर लगाए गए 25% टैरिफ को लेकर देश भर में जबरदस्त हलचल है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस पूरे घटनाक्रम पर लोकसभा में बयान दिया है। पीयूष गोयल ने कहा कि हमारे निर्यात में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच चार दौर की बैठक हुई। गोयल ने कहा कि दोनों पक्षों में समझौता करने को लेकर बैठक हुई। पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच वर्चुअल बैठक भी हुई और बातचीत जारी है। मोदी सरकार ने ट्रंप के टैरिफ बम के जवाब में कहा है कि उसके लिए राष्ट्रीय हित सबसे पहले हैं और वह सभी जरूरी कदम उठाएगी जबकि विपक्ष ने ट्रंप के इस ऐलान के बाद मोदी सरकार पर हमला बोल दिया है।
ट्रंप ने यह ऐलान करते हुए भारत को अपना दोस्त भी बताया लेकिन रूस और चीन के साथ कारोबार करने को लेकर नाराजगी जताई। सवाल यह है कि आखिर ट्रंप ने 25% टैरिफ लगाने का ऐलान ऐसे वक्त में क्यों किया जब भारत और अमेरिका के बीच पहले से ही ट्रेड डील को लेकर बातचीत चल रही है। अब सारी नजर मोदी सरकार के अगले कदम पर है। ट्रंप ने कहा है कि भारत को 1 अगस्त से टैरिफ और जुर्माना देगा होगा। ट्रंप ने एक और देश पर टैरिफ लगा दिया है।
पिछले कुछ महीनों में राष्ट्रपति ट्रंप तमाम देशों पर टैरिफ लगाने को लेकर दुनिया भर में काफी चर्चित रहे हैं। नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के राजनीतिक रिश्ते काफी बेहतर माने जाते हैं लेकिन बावजूद इसके ट्रंप ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया, इसे लेकर बहुत सारे सवाल खड़े हो रहे हैं। इस बीच ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ ऑयल डील कर ली है।
पिछले कुछ महीनों में भारत में डोनाल्ड ट्रंप के बयानों को लेकर काफी विवाद हो चुका है। ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के संघर्ष के बाद हुए सीजफायर का क्रेडिट लेने की कोशिश की है। संसद के मानसून सत्र में इसे लेकर काफी हंगामा हो चुका है।
टैरिफ लगाए जाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट कर कहा है, “मुझे इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि भारत रूस के साथ क्या करता है।” क्लिक कर पूरी खबर पढ़ें।
अमेरिका द्वारा भारत पर 25% टैरिफ और जुर्माना लगाने पर उत्कल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (UCCI) के अध्यक्ष डॉ. प्रबोध मोहंती ने कहा, "निश्चित रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था कुछ हद तक प्रभावित होगी। विशेष रूप से समुद्री भोजन, कपड़ा परिधान, ऑटो घटक, आभूषण, इस्पात और एल्यूमीनियम निर्यात प्रभावित होगा। हालांकि भारत में घरेलू मांग मजबूत है, इसलिए प्रभाव न्यूनतम और अल्पकालिक होगा। भारतीय अर्थव्यवस्था लंबे समय में इस तरह के प्रभाव को सहन करने के लिए पर्याप्त लचीली है। हालांकि, हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले महीनों में एफटीए पर हस्ताक्षर करने के साथ, अमेरिका को इस पर पुनर्विचार करना होगा।"
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी पर कर्नाटक के मंत्री एमसी सुधाकर ने कहा, "उन्हें लगता है कि अमेरिका एक महाशक्ति है और वह हर देश को अपनी शर्तें थोप सकते हैं। उनमें अहंकार आ गया है। डोनाल्ड ट्रंप किसी के दोस्त नहीं हैं। अमेरिका में रहने वाले लोगों को खुद लगता है कि उन्होंने उन्हें दोबारा चुनकर गलती की है।"
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के अर्थव्यवस्था को लेकर दिए गए बयान पर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा, "हम अपना सारा बजट रक्षा पर खर्च कर रहे हैं। यह हमें पूरी तरह से बर्बाद कर रहा है। पाकिस्तान के साथ दुश्मनी बनाए रखने पर हम जो पैसा खर्च कर रहे हैं, उससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, हम बस यही सुन रहे हैं कि हमने कौन से हथियार खरीदे। जब हमारा सारा पैसा इसी पर खर्च हो रहा है, तो अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से नीचे जाएगी।"
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "मार्च 2025 में भारत और अमेरिका ने एक न्यायसंगत, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के लिए बातचीत शुरू की थी। इसका लक्ष्य अक्टूबर-नवंबर 2025 तक समझौते के पहले चरण को पूरा करना था।"
पीयूष गोयल ने भारत की ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि वैश्विक विकास में भारत का योगदान 16 फीसदी है और हमारे निर्यात में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि यूएई से भी लाभकारी व्यापार समझौता हुआ और हम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। पीयूष गोयल ने कहा कि भारत आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है और हम राष्ट्रीय हितों को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस पूरे घटनाक्रम पर लोकसभा में बयान दिया है। पीयूष गोयल ने कहा कि हमारे निर्यात में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच चार दौर की बैठक हुई। गोयल ने कहा कि दोनों पक्षों में समझौता करने को लेकर बैठक हुई। पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच वर्चुअल बैठक भी हुई और बातचीत जारी है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्रंप टैरिफ पर कहा, "2 अप्रैल 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति ने रेसिप्रोकल टैरिफ पर एक कार्यकारी आदेश जारी किया। 5 अप्रैल 2025 से 10% बेसलाइन शुल्क प्रभावी हुआ। 10% बेसलाइन टैरिफ के साथ भारत के लिए कुल 26% टैरिफ की घोषणा की गई। फुल कंट्री-विशिष्ट अतिरिक्त टैरिफ 9 अप्रैल 2025 को लागू होने वाला था। लेकिन 10 अप्रैल 2025 को इसे शुरू में 90 दिनों के लिए बढ़ाया गया और फिर 1 अगस्त 2025 तक बढ़ा दिया गया।"
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा, "यह देश के लिए एक आपदा है, और पीएम मोदी की कूटनीति और विश्व नेताओं को गले लगाने का कोई नतीजा नहीं निकला है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि वह युद्धविराम के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि उन्होंने एक समझौता किया है। हम जानना चाहते हैं कि क्या यह वही सौदा है जिसके बारे में वह बात कर रहे थे। देश के हित की कीमत पर अपने दोस्त ट्रंप के लिए प्रचार करने का क्या मतलब है? पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को इस बारे में बहुत कुछ बताना होगा कि हम पर 25% टैरिफ क्यों लगाया गया है।"
अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर कम से कम 25 प्रतिशत का टैरिफ़ वर्ष के बाकी समय तक लागू रहता है, तो भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 6 प्रतिशत से भी कम की ग्रोथ रेट से बढ़ेगी। ज़्यादातर अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि इससे विकास दर में 20-40 आधार अंकों (बीपीएस) की गिरावट आएगी। ANZ के अर्थशास्त्री धीरज निम और संजय माथौर के अनुसार अगर भारत पर अमेरिका का 25 प्रतिशत टैरिफ़ 2025-26 के बाकी समय तक लागू रहता है, तो यह जीडीपी वृद्धि में 40 बेसिस अंकों की कमी ला सकता है।
कांग्रेस सांसद किरण कुमार चमाला ने कहा, "...सरकार व्हाइट हाउस के साथ किस तरह की बातचीत कर रही है? कई बार पीएम मोदी और ट्रंप ने दावा किया कि वे सबसे अच्छे दोस्त हैं। आज इस घनिष्ठ मित्रता का क्या परिणाम है? हमें विश्वास था कि हमारा विदेश मंत्रालय ठीक से बातचीत कर रहा है, और ऐसा नहीं होता। लेकिन अब ऐसा हो गया है। सरकार के लिए हस्तक्षेप करने और इस मुद्दे को सुलझाने का सही समय है।"
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के अर्थव्यवस्था की हालत खराब वाले बयान पर टीएमसी सांसद डोला सेन ने कहा, "इसका जवाब सिर्फ़ प्रधानमंत्री मोदी को देना चाहिए... उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी ने) यह नहीं कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप (संघर्ष विराम के बारे में) झूठ बोल रहे हैं। इसलिए, उनकी चुप्पी से पता चलता है कि युद्ध विराम के पीछे राष्ट्रपति ट्रंप का हाथ था और अब, टैरिफ़ लगा दिए गए हैं।"
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के dead economy वाले बयान पर राहुल गांधी ने कहा, "मुख्य सवाल यह है कि ट्रंप ने 30-32 बार दावा किया है कि उन्होंने युद्धविराम किया। उन्होंने यह भी कहा कि 5 भारतीय जेट गिर गए। अब ट्रंप कह रहे हैं कि वह 25% टैरिफ लगाएंगे। पीएम मोदी जवाब क्यों नहीं दे पा रहे हैं? असली वजह क्या है? उनके हाथ में नियंत्रण किसके पास है?"
सांसद अखिलेश यादव ने कहा, "...पिछले 11 सालों से ये सरकार दोस्ती के दावे करती रही और आज हम ये दिन देख रहे हैं। ये बुरे दिनों की शुरुआत है। इस देश के युवाओं को रोज़गार चाहिए। अर्थव्यवस्था सुधरेगी तो रोज़गार मिलेगा। अगर ऐसी रुकावटें आएंगी तो हमारे देश की अर्थव्यवस्था का क्या होगा?"
CPI(M) सांसद पी. संदोष कुमार ने कहा, "ट्रंप सरकार का फैसला वास्तव में चौंकाने वाला है। भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता चल रही है। अचानक, ट्रंप प्रशासन द्वारा इसकी घोषणा की गई। अगर आप ठीक से विश्लेषण करें तो ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद, भारत दिन-प्रतिदिन अपमानित हो रहा है। अमेरिका के किसी भी राष्ट्रपति ने हमारे देश का इस तरह अपमान नहीं किया... इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि सरकार की प्रतिक्रिया बहुत ठंडी है... ट्रंप के खिलाफ, वे एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं।"
जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा, "यह कोई नई बात नहीं है। ऐसी जानकारी थी कि अलग-अलग देशों ने अलग-अलग दरों पर टैरिफ लगाए हैं। सरकार वही करेगी जो देश के हित में होगा। सरकार कृषि और एमएसएमई क्षेत्र के हित में काम करेगी। सरकार ने यह भी कहा है कि बातचीत जारी है। सरकार और पीएम मोदी समाधान निकालने में सक्षम हैं।"
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया, ‘मुझे इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि भारत रूस के साथ क्या करता है… हमने भारत के साथ बहुत कम व्यापार किया है, उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं, दुनिया में सबसे ज्यादा।’
ANI द्वारा पूछे गए इस सवाल पर कि क्या वह टैरिफ पर भारत के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "हम अभी उनसे बात कर रहे हैं। हम देखेंगे कि क्या होता है। भारत दुनिया में सबसे ज्यादा या लगभग सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाला देश था... हम देखेंगे। हम अभी भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं।"
एशिया ग्रुप में पार्टनर निशा बिस्वाल ने कहा, "...कुछ दिन पहले तक मैं दोनों पक्षों से सुन रही थी कि चीज़ें बहुत क़रीब थीं कि वे पहले चरण के समझौते पर काफ़ी हद तक सहमत हो गए थे… आज हम जो देख रहे हैं, उससे संकेत मिलता है कि राष्ट्रपति ट्रंप बातचीत की मेज़ पर आना चाहते हैं… मेरा मानना है कि दोनों पक्ष अभी भी बातचीत की मेज़ पर आ सकते हैं…।"
पूर्व अमेरिकी सहायक वाणिज्य सचिव रे विकरी ने कहा, "...यह ट्रंप की एक कोशिश है कि वे द्विपक्षीय आधार पर जितना संभव हो सके उतना दबाव पैदा करें ताकि वे अंततः अपनी बनाई समस्या को हल करके या कम से कम सुधार कर जीत का दावा कर सकें... घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है और अमेरिका और भारत दोनों पक्षों को समझदार लोगों की आवश्यकता है जो किसी समझौते पर पहुंच सकें।"
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "हम अभी उनसे बात कर रहे हैं। देखते हैं क्या होता है। भारत दुनिया में सबसे अधिक या लगभग सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाला देश था। देखते हैं। हम अभी भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं।"
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा पर आप सांसद अशोक कुमार मित्तल ने कहा, "मुझे यह बहुत निराशाजनक लगता है। हम उम्मीद कर रहे थे कि अमेरिका हमारा अच्छा दोस्त होगा और भारत से अमेरिका निर्यात होने वाले उत्पादों पर इस तरह का टैरिफ नहीं लगाएगा। यह वास्तव में बहुत निराशाजनक है। 25% टैरिफ के अलावा, कुछ दंडात्मक प्रावधान भी हैं। यह हमारे व्यापारिक समुदाय और हमारे निर्यात समुदाय के लिए निराशाजनक होगा। मुझे उम्मीद है कि वे इसकी समीक्षा करेंगे और इसे वापस लेंगे और इसे पिछले स्तर पर लाएंगे।"
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, "...तारीफ ही तारीफ में टैरिफ लग गया और हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप का कोई फायदा नहीं हुआ। ट्रंप ने 30 बार दावा किया कि उन्होंने युद्धविराम करवाया और इसलिए करवाया था ताकि भारत-अमेरिका के बीच में अच्छा व्यापार समझौता हो। लेकिन वो नहीं हुआ आज ही घोषणा की कि 25% टैरिफ लगेगी और पेनल्टी भी लगेगी...तो हमें इस दोस्ती से क्या मिला? पीएम मोदी चुप हैं...हमारे देश के लिए ये बहुत बड़ा धक्का है..."
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, "हम कल तक उम्मीद लगाकर बैठे हुए थे कि पीएम मोदी कहेंगे कि ट्रंप युद्धविराम पर झूठ बोल रहे हैं..हमें लगा ट्रेड डील से डरे हुए हैं इसलिए वे नहीं बोल रहे हैं तो अब तो ट्रेड डील भी आ गई...ये कौन सी विदेश नीति है आप मनमोहन सिंह जी के समय को देखें, हम न्यूक्लियर वेवर लाए, कोई ट्रैरिफ, कोई विवाद हमने नहीं होने दिया....आपकी विदेश नीति, सुरक्षा नीति, व्यापार नीति हर चीज पर बहुत बड़ा सवाल है आप पर अब भरोसा खत्म हो चुका है क्योंकि आप हर जगह फेल होते दिख रहे हैं..'
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप यह तय नहीं कर सकते कि हम कहां से तेल और अन्य चीजें खरीदेंगे। पीएम को राजनीतिक झटका लगा है, और हमारी अर्थव्यवस्था को आज झटका लगा है। हम सरकार से सवाल करते रहेंगे। पीएम आज राज्यसभा में नहीं आए।"
ट्रंप टैरिफ पर भारत ने जवाब दिया है। भारत सरकार ने प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा कि सरकार ने द्विपक्षीय व्यापार पर अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर ध्यान दिया है। सरकार इसके परिणामों का अध्ययन कर रही है। सरकार ने कहा, "भारत और अमेरिका पिछले कुछ महीनों से एक निष्पक्ष, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर पहुंचने के लिए बातचीत कर रहे हैं। हम इस उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं। सरकार हमारे किसानों, उद्यमियों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) के कल्याण की रक्षा को सर्वोच्च महत्व देती है। सरकार हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी, जैसा कि ब्रिटेन के साथ हुए व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते सहित अन्य व्यापार समझौतों के मामले में किया गया है।"
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "राहुल गांधी ने पहले ही इस बारे में चेतावनी दी थी। यह हमारी अर्थव्यवस्था, निर्यात, उत्पादन और बदले में हमारी नौकरियों और रोजगार को प्रभावित करने वाला है। हम अमेरिका को फार्मास्यूटिकल्स निर्यात करते हैं और 25% टैरिफ के साथ, वे महंगे हो जाएंगे, जिसके परिणामस्वरूप मांग में कमी आएगी। इसके कारण परिणामस्वरूप उत्पादन और रोजगार कम होगा। यह हमारी विफल विदेश नीति का परिणाम है। आपने 'अबकी बार ट्रंप सरकार' का नारा दिया, लेकिन उन्होंने हमारे लोगों को बेड़ियों में जकड़ दिया। 30 बार कहा कि उन्होंने युद्धविराम की घोषणा की है। पीएम मोदी के पास इसका क्या जवाब है? सरकार ने इसके लिए किसी न किसी तरह से तैयारी की होगी; सभी क्षेत्र इससे प्रभावित होंगे।"
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा कि किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं है। उसके 10 घंटे के भीतर ही राष्ट्रपति ट्रंप ने दो बार अपनी संलिप्तता दोहराई। एक लक्ष्मण रेखा खींची जानी चाहिए। जब व्यापार समझौता चल रहा है और उन्होंने इन शब्दों में व्यापार टैरिफ की घोषणा की है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हम सभी उम्मीद कर रहे थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्यसभा में जवाब देंगे, लेकिन इसके बजाय गृह मंत्री बोल रहे हैं।"
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया। इसपर कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, "यह अमेरिका का बहुत गलत कदम है। सरकार ट्रंप को दोस्त मानती है, लेकिन उन्होंने असल में हमें तमाचा मारा है। इससे भारतीय व्यापारियों को नुकसान होगा। हम संसद में सभी मुद्दे उठाएंगे। जब भारत-अमेरिका के बीच इतनी दोस्ती है, तो डोनाल्ड ट्रंप भारत को परेशान क्यों कर रहे हैं?"
आप सांसद संजय सिंह ने कहा, "टैरिफ की धमकियों के अलावा, वह हर दिन भारत का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने एप्पल को भारत में आईफोन बनाने से भी मना किया है। उन्होंने यहां तक कहा है कि वह पाकिस्तान से प्यार करते हैं और भारत को इस बारे में सोचना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस कदम का कड़ा विरोध करना चाहिए और अपना अगला कदम स्पष्ट करना चाहिए।"
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लागू किया। इसपर कांग्रेस सांसद सप्तगिरी उलाका ने कहा, "यह दुखद खबर है। मुझे लगता है कि हमें इससे नुकसान होगा। सरकार को इस पर चर्चा करनी चाहिए।"