इंडिया टुडे पर डिबेट के दौरान एंकर राजदीप सरदेसाई बीजेपी प्रवक्ता शाइना एनसी से पूछने लगे कि सरकार कैसे कह सकती है कि उसके पास कोई डेटा नहीं है? बीजेपी प्रवक्ता ने जवाब देते हुए कहा कि दूसरी लहर के दौरान देश में ऑक्सीजन की मांग एकाएक अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई। ऐसे में केंद्र ने ऑक्सीजन का इंतजाम करने का काम किया। प्रवक्ता ने कहा कि कमी है तो राज्य सरकारों की तरफ से। मंत्री ने झूठ नहीं बोला है। प्रवक्ता ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का भी कहना है कि ऑक्सीजन की कमी के चलते किसी की जान नहीं गई है।
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने बताया कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है। इस पर कांग्रेस ने स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार पर यह ”गलत सूचना” देकर संसद को गुमराह करने का आरोप लगाया।कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल ने कहा कि वह मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस लाएंगे क्योंकि उन्होंने सदन को ‘गुमराह’ किया है। सरकार ने राज्यसभा को सूचित किया दूसरी लहर के दौरान विशेष रूप से राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की भी मौत की जानकारी नहीं दी।
उन्होंने वेणुगोपाल के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया ‘‘बहरहाल, कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई थी । महामारी की पहली लहर के दौरान, इस ऑक्सीजन की मांग 3095 मीट्रिक टन थी जो दूसरी लहर के दौरान बढ़ कर करीब 9000 मीट्रिक टन हो गई।’’
BJP spokesperson @ShainaNC defends govt’s ‘no oxygen deaths’ claim. Listen to what she said. #NewsToday pic.twitter.com/Hd8M3w4VHX
— IndiaToday (@IndiaToday) July 21, 2021
वेणुगोपाल ने कहा कि सभी ने देखा है कि राष्ट्रीय राजधानी सहित कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी के कारण कैसे लोगों की मौत हुई। उन्होंने कहा, ”दरअसल, मंत्री ने सदन को गुमराह किया और मैं निश्चित रूप से मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश करूंगा क्योंकि मंत्री ने गलत जानकारी देकर सदन को गुमराह किया।”
सरकार पर कटाक्ष करते हुए, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सरकार में ”संवेदनशीलता और सच्चाई की भारी कमी” है। उन्होंने ट्वीट किया, ”सिर्फ़ ऑक्सीजन की ही कमी नहीं थी। संवेदनशीलता व सत्य की भारी कमी तब भी थी, आज भी है।”