विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस एधनोम गेब्रेयेसस ने कोरोना टीकों का निर्यात बहाल करने के भारत के फैसले की तारीफ की है। उन्होंने इस साल के अंत तक सभी देशों में 40 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में इसे ‘‘महत्वपूर्ण कदम’ बताया। भारत ने सोमवार को कहा था कि वह ‘‘वैक्सीन मैत्री’’ कार्यक्रम के तहत 2021 की चौथी तिमाही में कोविड-19 रोधी अतिरिक्त टीकों का निर्यात बहाल करेगा।

बहरहाल, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि भारतीय नागरिकों को टीका लगाना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। डब्ल्यूएचओ महानिदेशक गेब्रेयेसस ने मांडविया को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘अक्टूबर में भारत के कोवैक्स को कोविड-19 रोधी टीकों की महत्वपूर्ण खेप की आपूर्ति बहाल करने की घोषणा करने के वास्ते स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया का शुक्रिया। इस साल के अंत तक सभी देशों में टीकाकरण का 40 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने में सहयोग में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।’’

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भारत ने इस साल अप्रैल में देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण टीकों का निर्यात बंद कर दिया था। बता दें कि WHO और GAVI मिलकर दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन के डिस्ट्रिब्यूशन को सुनिश्चित करने का काम कर रहे हैं। भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बाद इन संगठनों के इस कार्यक्रम को भी बड़ा धक्का लगा था।

अब स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि अप्रैल की तुलना में अब वैक्सीन का उत्पादन दोगुना हो गया है और अगले महीने तक यह चार गुना भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि नए टीकों को मंजूरी मिलने साथ प्रोडक्शन और तेजी से बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत कोशिश करेगा कि पड़ोसी देशों समेत दुनिया के अन्य देशों की भी मदद करे और उन्हें कोविड रोधी वैक्सीन उपलब्ध करवाए।

कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे के समय भी क्वॉड सम्मेलन में वैक्सीन को लेकर बड़े स्तर पर चर्चा हो सकती है। क्वॉड में जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका शामिल होंगे।