India To Be Bharat: G20 समिट के बाद मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। संसद के विशेष सत्र में क्या होगा? इसको लेकर अभी तक सिर्फ अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन आज जो घटनाक्रम सामने आया है। उससे कयास लगने लगे हैं कि संसद के विशेष सत्र के दौरान केंद्र सरकार देश का नाम बदले जाने का प्रस्ताव ला सकती है। वहीं सूत्रों से भी खबर मिल रही है कि केंद्र सरकार संसद के विशेष सत्र के दौरान इंडिया का नाम बदलकर भारत करने के लिए एक नया प्रस्ताव पेश कर सकती है।
राष्ट्रपति भवन द्वारा 9 सितंबर के जी20 सम्मेलन में आने वाले मेहमानों को रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया गया है। जिसमें रिपब्लिक ऑफ इंडिया की बजाय ‘रिपब्लिक ऑफ भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। भारत के राष्ट्रपति के नाम पर निमंत्रण भेजे जाने पर कांग्रेस ने मंगलवार को सरकार पर पलटवार किया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया X पर लिखा, ‘तो ये खबर वाकई सच है। राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 डिनर के लिए ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ के बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है।” जयराम रमेश ने आगे कहा कि संविधान में अनुच्छेद 1 कहता है: “भारत, जो इंडिया था, राज्यों का एक संघ होगा”… लेकिन अब इस “राज्यों के संघ” पर भी हमला हो रहा है।’
जिस समय जयराम रमेश ने यह बड़ा दावा किया, उसी समय असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने एक्स पर REPUBLIC OF BHARAT लिखा है और कहा है कि हमारी सभ्यता पूरी मजबूती से अमृत काल की ओर बढ़ रही है।
इस मामले पर सियासी गलियारों से चर्चाओं का शोर सुनाई देने लगा है। इस बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर इस मामले को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, ‘कांग्रेस को देश के सम्मान एवं गौरव से जुड़े हर विषय से इतनी आपत्ति क्यों है? भारत जोड़ो के नाम पर राजनीतिक यात्रा करने वालों को भारत माता की जय के उद्घोष से नफरत क्यों है? स्पष्ट है कि कांग्रेस के मन में न देश के प्रति सम्मान है, न देश के संविधान के प्रति और न ही संवैधानिक संस्थाओं के प्रति। उसे तो बस एक विशेष परिवार के गुणगान से मतलब है। कांग्रेस की देश विरोधी एवं संविधान विरोधी मंशा को पूरा देश भलीभांति जानता है।’ इससे पहले बीजेपी के राज्यसभा सांसद हरनाथ यादव ने मांग की थी कि देश का नाम इंडिया हटाकर भारत रखा जाए। भारत हमारी संस्कृति का परिचायक है। प्राचीन काल से देश का नाम भारत है।
विपक्षी गठबंधन ने भारत नाम रख लिया तो क्या करेंगे?
इस मामले को लेकर जब दिल्ली के मुख्यमंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसकी उड़ती खबर सुना रहा हूं। केजरीवाल ने कहा कि इंडिया नाम क्यों बदल रहे हैं? यह देश 140 करोड़ देशवासियों की है। अगर विपक्षी दल अपने गठबंधन का नाम भारत रख लेगा तो क्या यह भारत का भी नाम बदले देंगे।
वहीं शुक्रवार को गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत लोगों को संबोधित करते हुए लोगों से अपील की थी कि देश को इंडिया नहीं बल्कि भारत कहा जाए। उन्होंने कहा कि सदियों से हमारे देश का नाम भारत है, इंडिया नहीं।
मोहन भागवत ने यह बात गुवाहाटी में सकल जैन समाज के एक कार्यक्रम के दौरान कही थी। संघ प्रमुख ने कहा था कि हमारे देश का नाम भारत है इसलिए दुनिया में हम चाहे कहीं भी चले जाएं देश का नाम कहने, सुनने और लिखने हर जगह भारत ही रहना चाहिए। अगर इसको कोई नहीं भी समझ पाता है तो इसकी चिंता आप बिल्कुल ना करें। अगर सामने वाले को समझने की जरूरत होगी तो वह इसे खुद ही समझ लेगा। आज दुनिया को हमारी जरूरत है। हम बिना दुनिया के चल सकते हैं, लेकिन दुनिया हमारे बिना नहीं चल सकती।