जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में चार आतंकियों का एनकाउंटर कर घातक हमला नाकाम करने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने शनिवार को पाकिस्तान हाई कमीशन के प्रमुख को तलब किया। बताया गया है कि नगरोटा में ढेर किए गए आतंकी मुंबई में हुए 26/11 हमलों की बरसी पर एक बार फिर भारत को दहलाना चाहते थे। इसकी साजिश में पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के शामिल होने का शक है। ऐसे में भारत ने इस घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने जम्मू-कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद की तरफ से रची जा रही आतंक फैलाने की साजिश पर पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई। साथ ही अपनी जमीन पर पल रहे आतंकियों के समर्थन को बंद करने की बात कही। सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए हर तरह के कदम उठाने के लिए तैयार है।
भारतीय विदेश मंत्रालय का यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उच्च सुरक्षा अधिकारियों-मंत्रियों के साथ शुक्रवार को की गई समीक्षा बैठक के बाद आया है। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और खुफिया एजेंसियों के टॉप अफसर मौजूद थे। पीएम ने इसमें नगरोटा में सैन्यबलों द्वारा आतंकियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन पर चर्चा की थी। इसके बाद एक ट्वीट में उन्होंने कहा था कि आतंकियों के मारे जाने से जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के मंसूबे नाकाम हो गए हैं।
पीएम ने अपने ट्वीट में सुरक्षाबलों की सतर्कता की तारीफ करते हुए कहा था कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकियों के मारे जाने से एक बड़ी साजिश नाकाम हुई। आतंकियों से बरामद हथियारों का जखीरा देखकर साफ है कि वे जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के मंसूबे पाले हुए थे।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में गुरुवार को सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को एक एनकाउंटर में मार गिराया था। वे किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने निकले थे लेकिन कश्मीर घाटी जाते वक्त रास्ते में ही धरे गए। घिरने के बाद आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। बाद में सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को ढेर कर दिया था।