India Red, Orange, Green Zone State-wise, District-wise, City-wise Area Name, and List Live Updates: केंद्र सरकार की ओर से देश में सभी 799 जिलों को कोरोनावायरस के मामलों के आधार पर रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में डाला गया है। जहां कुछ राज्यों ने सरकार के जोन तय करने के मानकों पर सवाल खड़े किए हैं, वहीं कुछ अन्य राज्यों को इससे काफी फायदा भी पहुंच रहा है। खासकर उन राज्यों को जहां कोरोना के केस नहीं है या कम हैं। त्रिपुरा में अब तक सिर्फ 4 ही मामले सामने आए हैं, ऐसे में राज्य सरकार ने वहां अब सरकारी दफ्तर खोलने का फैसला किया है। राज्य में कुल 4 ग्रीन जोन और 2 ऑरेंज जोन्स हैं, दूसरी तरफ गोवा में भी अब फिश मार्केट जैसी भीड़ वाली जगहों को ही सीमित स्तर पर खोलने का फैसला किया है। पुलिस की निगरानी के बीच हर दिन सुबह 6 से दोपहर 1 बजे के बीच लोग मछली खरीदने के लिए यहां पहुंच सकेंगे।
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गौरतलब है कि रेड जोन वाले इलाकों में प्रशासन ने लोगों को किसी भी तरह के मूवमेंट्स की छूट नहीं दी है। साथ ही यहां कड़े प्रतिबंधों के साथ लॉकडाउन का भी पूरी तरह पालन करने के निर्देश हैं। इसके अलावा दो और जोन्स- ऑरेंज और ग्रीन जोन में भी शहरों को बांटा गया। जहां ऑरेंज जोन में रेड के मुकाबले ज्यादा छूट दी गईं, वहीं ग्रीन जोन में कई क्षेत्र में लोगों को आजादी दी गई है। यहां तक की बसों के संचालन की भी छूट है, लेकिन आधी यात्री क्षमता के साथ।
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इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने शनिवार को स्पष्ट किया कि चार मई से शुरू हो रहे लॉकडाउन के तीसरे चरण में ग्रीन और ऑरेंज जोन में नाई की दुकानों एवं सैलून को खोलने की अनुमति होगी। इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनियां इन क्षेत्रों में गैर-अनिवार्य सामानों की बिक्री भी कर सकेंगी। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को लॉकडाउन दो हफ्ते के लिए बढ़ाते हुए इसे 17 मई तक कर दिया था। इसने ग्रीन और ओरेंज जोन में कई प्रतिबंधों में ढील दी है। मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि ग्रीन और ओरेंज जोन में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गैर जरूरी सामानों की बिक्री पर प्रतिबंध नहीं होगा।
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उत्तर प्रदेश में महाराजगंज, शाहजहांपुर, अंबेडकर नगर ,बलिया,चंदौली, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, हाथरस, चित्रकूट, देवरिया, कुशीनगर, ललितपुर, महोबा, सिद्धार्थ नगर, सोनभद्र, अमेठी, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, हमीरपुर और कानपुर देहात जिले ग्रीन जोन में शामिल हैं।
रेड जोन के तहत आने वाले सबसे ज्यादा जिले उत्तर प्रदेश में हैं। प्रदेश के 19 जिले रेड जोन, 36 जिले ऑरेंज और 20 जिले ग्रीन जोन में हैं। लखनऊ, रायबरेली, मेरठ, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, गौतमबुद्धनगर, कानपुर नगर, आगरा, फिरोजाबाद, मुरादाबाद, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, रामपुर, मथुरा, बरेली, बुलंदशहर, वाराणसी और संत कबीर नगर रेड जोन में हैं।
लॉकडाउन के कारण राजस्थान के कोटा में फंसे दिल्ली के करीब 500 छात्र 40 प्राइवेट बसों में सवार होकर रविवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी लौटे। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि कश्मीरी गेट अंतरराज्यीय बस अड्डा (आईएसबीटी) पर पहुंचे छात्रों को चिकित्सा जांच के बाद डीटीसी की बसों से उनके घर भेजा जाएगा। लंबे सफर से थके छात्रों ने बताया कि वे कोटा में अकेला महसूस कर रहे थे और घर लौटकर राहत महसूस कर रहे हैं।
नए नियमों के मुताबिक 21 दिनों तक अगर कोई कोरोना संक्रमित मरीज जिले में नहीं मिलता है, तो ये जिले ऑरेंज से ग्रीन जोन में कनवर्ट हो जाते हैं। झारखंड के कुल 13 जिले जहां अबतक कोरोना का कोई मरीज नहीं मिला है। वह ग्रीन जोन में पहले से ही शामिल है। यहां लॉक डाउन तीन में तमाम रियायतें दी जा रही हैं। यहां एक यात्री के साथ कैब की सुविधा, दो बाइक सवार और 50 फीसद क्षमता के साथ बसों को चलाने की इजाजत दी गई है।
कार्मिक मंत्रालय ने शनिवार को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में अदालतों की कार्रवाई पर निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि ग्रीन जोन में कोर्ट और बेंच गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के आधार पर काम करती रहेंगी। जहां तक संभव होगा इन जिलों में वहां की हाईकोर्ट्स के वर्किंग मेथड को ही माना जाएगा। वहीं, रेड और ऑरेंज जोन में तुरंत सुनवाई वाले मामले रजिस्ट्रार को संपर्क कर ईमेल के जरिए दायर किए जा सकेंगे।
कुछ राज्य सरकारों ने सरकार के जोन तय करने के मानकों पर सवाल उठाए हैं। इनमें सबसे पहला नाम है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का। केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली के सभी जिले रेड जोन में हैं, जिसके चलते यहां कोई आर्थिक गतिविधि नहीं हो सकती। ऐसे में गृह मंत्रालय को रेड जोन के लिए इलाकों के आधार पर नियम बनाने चाहिए थे। उन्होंने कहा कि जिन कंटेनमेंट जोन में मामले ज्यादा हैं, उन्हें ही बंद रखना चाहिए था, ताकि बाकी जगहों पर अर्थव्यवस्था को दोबारा शुरू किया जा सके। पढ़ें पूरी खबर...
दिल्ली में कोरोनावायरस के मद्देनजर उठाए जा रहे कदमों का असर अब दिखने लगा है। केंद्र शासित प्रदेश के 1 कंटेनमेंट जोन को रविवार को खोल दिया गया। इसी के साथ राज्य में अब तक कुल 5 कंटेनमेंट जोन्स खोले जा चुके हैं। हालांकि, अब भी 96 जोन को सील ही रखा गया है। दिलशाद गार्डन के J और K, L और H पॉकेट के अलावा पुराने सीमापुरी के G, H, J ब्लॉक खोले गए हैं। शहादरा को भी कंटेनमेंट जोन की लिस्ट से बाहर कर दिया गया है।
त्रिपुरा सरकार ने ऐलान किया है कि 4 मई से राज्य में सरकार से जुड़े सभी कैटेगरी के कर्मचारी दफ्तर आकर सामान्य तरह से काम करेंगे। राज्य के मुख्य सचिव ने इसका ऐलान किया है। दरअसल, ग्रीन और ऑरेंज जोन वाले इलाकों में सरकारी दफ्तरों को खुलने की छूट दी गई है। त्रिपुरा में अब तक दो जोन्स को ऑरेंज और 6 को ग्रीन की कैटगरी में रखा गया है। राज्य में अब तक कुल 4 पॉजिटिव केस ही पाए गए हैं, जिनमें से 2 लोग डिस्चार्ज किए जा चुके हैं।
कर्नाटक के एक्साइज कमिश्नर ने रविवार को राज्य में डिस्टिलरी, वाइनरी और ब्रीवरीज शुरू करने की इजाजत जारी कर दी। हालांकि, शराब बनाने वाली यह फैक्ट्रियां कंटेनमेंट जोन के बाहर रहेंगी। हालांकि, फैक्ट्री मालिकों को गृह मंत्रालय की ओर से जारी सभी नियमों का पालन करना होगा।
जम्मू-कश्मीर में एक प्रेग्नेंट महिला को केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए रेड जोन की वजह से डिलीवरी के लिए 100 किमी का सफर तय करना पड़ा। मामला अनंतनाग का है, जिसे कोरोनावायरस रेड जोन करार दिया गया है। यहां शादा नाम की प्रेग्नेंट महिला को रात में पहले 8 किमी का सफर तय कर पास के ही अचबल जाना पड़ा, जहां डॉक्टरों ने उसका यह कह कर इलाज करने से इनकार कर दिया कि वे रेड जोन के मरीजों को नहीं देखेंगे। इसके बाद शादा को वापस अनंतनाग भेजा गया, जहां बच्चे की डिलीवरी हुई। हालांकि, लालदेड अस्पताल में महिला के कोरोना मरीज होने की बात सामने आई, जिसके बाद मेडिकल स्टाफ के 10 लोगों को क्वारैंटाइन कर दिया गया।
इलाकों में नाई की दुकानें और सैलून भी खोलने की अनुमति होगी। ये छूट चार मई से प्रभावी होंगी जब लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू होगा। रेड जोन में ई-कॉमर्स कंपनियों को केवल आवश्यक वस्तुओं को बेचने की अनुमति दी गई है। नाई की दुकानें और सैलून को रेड जोन में खोलने की अनुमति नहीं है। ग्रीन, ओरेंज और रेड जोन में शराब की उन दुकानों पर इसकी बिक्री की अनुमति दी जाती है जो अलग हटकर स्थित होगी और रेड जोन में ये दुकानें बाजार या मॉल में स्थित नहीं होनी चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन रविवार को कोरोनावायरस संक्रमण पर चर्चा के लिए अधिकारियों के साथ दिल्ली के लेडी हार्डिंग अस्पताल पहुंचे। दिल्ली में अब तक कोरोना के 4 हजार से ज्यादा मामले हैं, वहीं 64 लोगों की मौत हुई है। यहां के सभी 11 जिले भी कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से रेड जोन में रखे गए हैं।
भारत में कोरोनावायरस की वैक्सीन बनाने की होड़ तेज हो गई है। चंडीगढ़ पीजीआई के निदेशक डॉक्टर जगत राम ने बताया कि Mw वैक्सीन ड्रग का सेफ्टी ट्रायल पूरा हो चुका है। अब इसका असल ट्रायल पीजीआई चंडीगढ़ के 40 मरीजों के साथ एम्स दिल्ली और एम्स भोपाल में किया जाएगा। गौरतलब है कि यह तीनों ही शहर और केंद्र शासित प्रदेश रेड जोन के अंतर्गत हैं।
केंद्र सरकार ने सभी जोन्स में नियमों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा है। हालांकि, दो जोन्स में मिली कुछ छूटों का ई-कॉमर्स कंपनियां फायदा उठाना चाहती हैं। सरकार ने भी इन दोनों जोन्स में मूवमेंट्स की कुछ छूट दी है। ऐसे में अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां इन क्षेत्रों में गैर-जरूरी सामानों की डिलीवरी भी शुरू कर सकती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनियां इस बारे में जल्द ही योजना तैयार कर सकती हैं। गौरतलब है कि इन जोन्स में व्यापार और आर्थिक गतिविधियों की छूट दी गई हैं।
केरल के सीएम पिनराई विजयन ने आज राज्य के लिए नए दिशानिर्देशों की घोषणा की। “ये क्षेत्रीय छूट केंद्र सरकार द्वारा घोषित सामान्य दिशानिर्देशों के साथ सहमति में होंगी और आज ही सरकारी आदेश जारी किया जाएगा। सभी विवरण एक अलग वेबसाइट पर प्रकाशित किए जाएंगे, जहां लोग यह जांच सकते हैं कि उनके विशिष्ट क्षेत्र में किस बात की अनुमति और किसकी नहीं,” मुख्यमंत्री ने कहा। पिछले 21 दिनों में कोविड-19 का कोई सकारात्मक मामला नहीं होने के मानदंडों के अनुसार, केरल में केवल एर्नाकुलम ज़िला ग्रीन ज़ोन में होने के योग्य होगा। आज एक नया मामला सामने आने के बाद, वायनाड जिले की स्थिति ग्रीन ज़ोन से ऑरेंज हो गई है। वायनाड पहले केंद्र द्वारा घोषित ग्रीन ज़ोन की सूची में था।कन्नूर और कोट्टयम ज़िले रेड ज़ोन में ही हैं। राज्य के अन्य सभी जिले ऑरेंज जोन में हैं। रेड ज़ोन के अंदर के कंटेनमेंट ज़ोन में बिना किसी छूट के पूर्ण लॉकडाउन होगा।सार्वजनिक परिवहन, सार्वजनिक सभाएं, सिनेमा थिएटर, धार्मिक स्थल,मॉल, शराब की दुकानें, नाई की दुकानें, ब्यूटी पार्लर, जिम, शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में चार मई से शराब की दुकानें खोलने के फैसले पर शनिवार को मुहर लगायी। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने संवाददाताओं को बताया कि शनिवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया। कुछ रियायतों के साथ केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लॉकडाउन की अवधि 17 मई तक बढ़ा दी थी। भारद्वाज ने कहा कि शराब के दुकानदारों से 22 मार्च से तीन मई के बीच का लाइसेंस शुल्क नहीं वसूला जाएगा क्योंकि इस दौरान लॉकडाउन के कारण दुकानें बंद थीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई बैठक में वर्तमान और आगामी वित्त वर्ष के दौरान आबकारी नीति में परिवर्तन करने का भी निर्णय लिया गया।
दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय की तरफ से हाल में जारी दिशानिर्देशों के तहत शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में शराब की दुकानों को खोलने की कवायद शुरू कर दी। आबकारी विभाग ने चार सरकारी एजेंसियों को ऐसी दुकानों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं जो गृह मंत्रालय द्वारा बताए गए सभी मानदंडों पर खरी उतरती हैं। बहरहाल, निरुद्ध क्षेत्रों (कोविड-19 कंटेनमेंट जोन) में शराब की दुकानों को खोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम, दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम, दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड और दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर को सार्वजनिक स्थानों पर शराब की दुकानें खोलने का अधिकार दिया गया है। हालांकि, यह नियम मॉल में लागू नहीं है। आबकारी विभाग के अनुसार एजेंसियों से जल्द ही ब्यौरा मुहैया कराने के लिए कहा गया है। साथ ही यह वचनपत्र देने को भी कहा गया है कि शराब की जिन दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है वे एमएचए की सभी शर्तों का पालन करेंगी।
ग्रीन, ओरेंज और रेड जोन में शराब की उन दुकानों पर इसकी बिक्री की अनुमति दी जाती है जो अलग हटकर स्थित होगी और रेड जोन में ये दुकानें बाजार या मॉल में स्थित नहीं होनी चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने शनिवार को स्पष्ट किया कि चार मई से शुरू हो रहे लॉकडाउन के तीसरे चरण में ग्रीन और ओरेंज जोन में नाई की दुकानों एवं सैलून को खोलने की अनुमति होगी। इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनियां इन क्षेत्रों में गैर-अनिवार्य सामानों की बिक्री भी कर सकेंगी। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को लॉकडाउन दो हफ्ते के लिए बढ़ाते हुए इसे 17 मई तक कर दिया था। इसने ग्रीन और ओरेंज जोन में कई प्रतिबंधों में ढील दी है। मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि ग्रीन और ओरेंज जोन में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गैर जरूरी सामानों की बिक्री पर प्रतिबंध नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में नाई की दुकानें और सैलून भी खोलने की अनुमति होगी। ये छूट चार मई से प्रभावी होंगी जब लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू होगा। रेड जोन में ई-कॉमर्स कंपनियों को केवल आवश्यक वस्तुओं को बेचने की अनुमति दी गई है। नाई की दुकानें और सैलून को रेड जोन में खोलने की अनुमति नहीं है। ग्रीन, ओरेंज और रेड जोन में शराब की उन दुकानों पर इसकी बिक्री की अनुमति दी जाती है जो अलग हटकर स्थित होगी और रेड जोन में ये दुकानें बाजार या मॉल में स्थित नहीं होनी चाहिए।
पंजाब के सबसे ज्यादा जिले (15) ऑरेंज जोन में हैं। तीन जिले रेड जोन और चार जिले ग्रीन जोन में हैं. रेड जोन में जालंधर, पठियाला और लुधियाना हैं. वहीं ऑरेंज में सास नगर, पठानकोट, मानसा, तरन तारन, अमृतसर, कपूरथला, होशियारपुर, फरीदकोट, संगरूर, शहीद भगत सिंह नगर, फिरोजपुर, मुक्तसर साहिब, मोगा, गुरदासपुर और बरनाला हैं। ग्रीन जोन में रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब, बठिंडा और फाजिल्का हैं।
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि शनिवार को राज्य में 127 नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2455 हो गई है जिसमें 1756 सक्रिय मामले हैं।
राजस्थान की बात करें तो राजस्थान के 33 जिलों में से 8 जिले रेड जोन घोषित किए गए हैं। यानि कि इन जिलों में कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है। यही वजह है कि इन इलाकों में लोगों को कोई छूट नहीं दी जाएगी।
रेड जोन में कौन से जिलेः राजस्थान के जो जिले रेड जोन घोषित किए गए हैं उनमें जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, भरतपुर, नागौर, बांसवाड़ा और झालावाड़ शामिल है।
ऑरेंज जोन मेंः राजस्थान को जो जिले ऑरेंज जोन में रखे गए हैं उनमें टोंक, जैसलमेर, दौसा, झुंझुनूं, हनुमानगढ़, भीलवाड़ा, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, उदयपुर, धौलपुर, सीकर, अलवर, बीकानेर, चुरू, पाली, बाड़मेर, करौली और राजसमंद का नाम है।
ग्रीन जोन मेंः जिन इलाकों में संक्रमण का खतरा बेहद कम है या फिर अभी तक उन इलाकों में संक्रमण का कोई केस नहीं आया है, ऐसे इलाकों को ग्रीन जोन घोषित किया गया है। राजस्थान के जो इलाके ग्रीन जोन में हैं, उनमें बारां, बूंदी, श्रीगंगानगर, जालौर, सिरोही और प्रतापगढ़ का नाम शामिल है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि दिल्ली के सभी 11 जिले 17 मई यानी लॉकडाउन का अंत होने तक रेड जोन में ही रहेंगे। उन्होंने बताया कि जिस भी जगह पर 10 से ज्यादा कोरोना मरीज हैं, उन्हें रेड जोन करार दिया गया है। दिल्ली के सभी जिलों से नए मामलों का आना लगातार जारी है।
दिल्ली के रेड जोन वाले जिलेः साउथ-ईस्ट, सेंट्रल, नॉर्थ, साउथ, नॉर्थ-ईस्ट, वेस्ट, शहादरा, ईस्ट, नई दिल्ली, नॉर्थ वेस्ट, साउथ-वेस्ट।
मध्य प्रदेश में कोरोनावायरस का असर करीब 50 फीसदी जिलों पर पड़ा है। राज्य के 52 में से 24 जिले ग्रीन जोन में रखे गए हैं। लेकिन 19 जिलों को ऑरेंज जोन और 9 जिलों को रेड जोन में रखा गया है। रेड जोन वाले हॉटस्पॉट के शहरों में भोपाल, इंदौर और जबलपुर संभाग के कई अहम शहर शामिल हैं। ऐसे में राज्य में जल्द आर्थिक गतिविधियां शुरू होने की उम्मीद काफी कम है।
कौन से जिले ग्रीन जोन मेंः रीवा, अशोकनगर, राजगढ़, शिवपुरी, अनूपपुर, बालाघाट, भिंड, छतरपुर, दमोह, दतियया, गुना, झाबुआ, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर, नीमच, पन्ना, सतना, सीहोर, सिवनी, सीधी, उमरिया, सिंगरौली और निवारी शामिल हैं।
ऑरेंज जोन मेंः खरगौन, रायसेन, होशंगाबाद, रतलाम, अगर मालवा, मंदसौर, सागर, शाजापुरस, छिंदवाड़ा, अलीराजपुर, टीकमगढ़, शहडौल, शिवपुर, डिंडौरी, बुरहानपुर, हरदा, बैतूल, विदिषा और मुरैना शामिल हैं।
रेड जोन मेंः भोपाल, इंदौर, धार, ईस्ट नीमाड़, बड़वानी, देवास, ग्वालियर, जबलपुर
केंद्र सरकार ने दिल्ली के सभी 11 जिलों को रेड जोन में रखा है। हालांकि, धीरे-धीरे राज्य की स्थिति में सुधार हो रहा है। शनिवार को दिल्ली के चार कंटेनमेंट जोन को दोबारा खोल दिया गया। जिन इलाकों को खोला गया है, उसमें वसुंधरा एन्कलेव का मनसारा अपार्टमेंट, साउथ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में ईस्ट ऑफ कैलाश का ई-ब्लॉक, मयूर विहार फेज-1 में वर्धमान अपार्टमेंट्स और पटपड़गंज में इंद्रप्रस्थ एक्सटेंशन के पास मयूरध्वज अपार्टमेंट शामिल हैं। इसी के साथ दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की संख्या 97 पहुंच गई है।