पाकिस्तान पर नेकनीयती के अभाव का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि जब तक ठोस नतीजे नहीं निकलें, एनएसए स्तर की वार्ता का कोई मतलब नहीं है ।
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हम सरकार को यही सलाह देते हैं कि जब तक ठोस नतीजे का मजबूत आश्वासन नहीं मिले, वार्ता का कोई मतलब नहीं है ।
शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद की बजाय हुर्रियत कांफ्रेंस के जरिए ध्यान कश्मीर की ओर बंटा रहा है । वार्ता प्रक्रिया घुमाने के लिए असंगत मुद्दे उठाये जा रहे हैं ।
उन्होंने सरकार को आगाह किया कि वह हुर्रियत को ज्यादा तवज्जो नहीं दे क्योंकि उसकी कोई अहमियत नहीं है । जम्मू कश्मीर की जनता का प्रतिनिधित्व हुर्रियत नहीं करती है ।
शर्मा ने कहा कि भारत को पाकिस्तान की साजिशों के नजरिये से चीजों को देखना चाहिए । एकतरफा कदम उठाते हुए भारत ने वार्ता की तारीख का ऐलान क्यों किया जबकि पाकिस्तान ने इसकी कोई पुष्टि नहीं की ।
उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम से हम चिन्तित हैं । हम सरकार से आग्रह करते हैं कि जब तक आप वार्ता के नतीजे को लेकर पूर्णतया संतुष्ट नहीं हो जाते, तब तक इस प्रक्रिया को आप त्याग दें ।
नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कूटनीति और शासनकला संवेदनशील मुद्दे हैं और जहां तक पाकिस्तान से निपटने का सवाल है, इस सरकार के पास दोनों का अभाव है ।