उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि कोई भी प्रवासी पैदल दिल्ली या गुड़गांव के रास्ते यूपी में नहीं आना चाहिए। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री ने गुरुवार (07-05-2020) को अधिकारियों को यह निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि वो प्रवासी मजदूरों और उनके परिजनों के वापस आने के लिए बसों की व्यवस्था करने पर ध्यान दें। बढ़ते कोरोना वायरस के बीच बुढ़े, जवान और बच्चे सैकड़ों किलोमीटर पैदल यात्रा कर राज्य में पहुंच रहे हैं।

इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि कोई प्रवासी मजदूर पैदल राज्य में ना आ पाए। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार इन सभी लोगों को सुरक्षित वापस लाने के लिए कार्यरत है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद गुरुवार (07-05-2020) को करीब 172 ऐसे कामगारों को लखनऊ से करीब 514 किलोमीटर दूर वेस्ट यूपी के बुलंदशहर हाईवे के पास रोका गया था जो दिल्ली से नोएडा आ रहे थे।

इन मजदूरों को रोके जाने का एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में नजर आ रहा है कि मजदूर और उनके परिवार के सदस्य सड़क पर बैठे हैं और पुलिस उनके चारों तरफ खड़ी है। बाद में इन सभी को खाना दिया गया और एक कॉलेज परिसर में इन्हें रखा गया। स्थानीय प्रशासन ने इन लोगों से वादा भी किया कि बस की व्यवस्था कर इन सभी को सुरक्षित घर भेजा जाएगा।

गुरुवार को ही दिल्ली, हरियाण और राजस्थान से यूपी लौट रहे सैकड़ों मजदूरों को फिरोजाबाद के पास भी रोका गया था। रोके जाने से पहले यह लोग सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर यहां तक पहुंचे थे। इन सभी को भी पास के एक कॉलेज में रखा गया और फिर इन्हें भी बसों से घर वापस भेजने के लिए कहा गया है।

आपको बता दें कि लॉकडाउन के बाद से योगी आदित्यनाथ सरकार ने बसों के जरिए करीब 5 लाख प्रवासी मजदूरों को वापस उत्तर प्रदेश लाया है। हालांकि इसके बावजूद कई प्रवासी मजदूर लगातार दूसरे राज्यों से यूपी लौटने की कोशिश कर रहे हैं। कई प्रवासी मजदूरों का दावा है कि उन्हें या तो सरकार द्वारा चलाई जा रही बसें नहीं मिल रही हैं या फिर उन्हें पता नहीं कि इन सरकारी बसों का लाभ कैसे उठाया जाए?