स्वतंत्रता दिवस पर भी कश्मीर में सन्नाटा छाया रहा। धारा 144 के चलते कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में सेना के जवान गश्त करते नजर आए। किसी तरह का हमला न हो इसके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई। स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर राज्य में अतिरिक्त जवानों की भी तैनाती की गई इसके साथ ही तकनीक के जरिए संवेदनशील इलाकों पर पैनी नजर रखी गई। जवानों से अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा गया। जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने बताया कि श्रीनगर सहित कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में प्रतिबंधों में ढील दी गई। हालांकि,घाटी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ प्रतिबंध जारी हैं।
नवगठित केंद्र शासित प्रदेश (UT) जम्मू और कश्मीर ने अनुच्छेद 370 हटने के बाद अपना पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मलिक ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में तिरंगा फहराया। ध्वजारोहण के बाद उन्होंने अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस की परेड का निरीक्षण किया। बाद में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि केंद्र के फैसले के बाद लोगों को अपनी पहचान को लेकर चंतित होने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीति आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की है और सशस्त्र बलों की सतत कार्रवाई से आतंकवादियों ने हार मान ली है। मलिक ने कहा कि आतंकवादियों की भर्ती और जुमे की नमाज के बाद पत्थराव की घटनाओं में भारी कमी आई है। इस बीच, संविधान के अनुच्छेद-370 के तहत राज्य को मिला विशेष दर्जा खत्म करने के मद्देनजर यहां प्रतिबंध लागू रहा।
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पंचायतों में तिरंगा फहराया: इसके अलावा प्रशासन के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर की पंचायतों में सरपंचों ने तिरंगा फहराया। राज्यपाल ने सभी डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए थे कि यह सुनिश्चित बनाया जाए कि राज्य की हरेक पंचायत में सरपंच तिरंगा फहराएं।
लेह में माधव ने मनाया आजादी का जश्न: 370 हटने के बाद अलग केंद्र शासित प्रदेश बने लद्दाख में भी स्वतंत्रता दिवस बेहद हर्षोल्लास से मनाया गया। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने लेह पहुंचकर लद्दाख के लोगों के साथ स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया। इस दौरान लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने उनका स्वागत किया।

