भारत ने गुरुवार को नाटो प्रमुख मार्क रूट के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई और उनकी टैरिफ वाली धमकी पर करारा जवाब दिया। मार्क रूट ने रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों (खासकर गैस और तेल के क्षेत्र में) पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने पश्चिमी देशों को दोहरे मापदंड अपनाने के खिलाफ चेतावनी दी। रूट की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि देश की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करना एक प्रमुख प्राथमिकता है, जो बाज़ार में उपलब्ध संसाधनों और मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों पर आधारित है।

भारत ने NATO को दिया जवाब

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हमने इस विषय पर रिपोर्ट देखी हैं और घटनाक्रम पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं। मैं दोहराना चाहता हूं कि हमारे लोगों की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करना स्वाभाविक रूप से हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस प्रयास में हम बाज़ार में उपलब्ध संसाधनों और मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों से निर्देशित होते हैं। भारत इस मुद्दे पर किसी भी दोहरे मापदंड के प्रति विशेष रूप से आगाह करेगा।”

रॉयटर्स के अनुसार बुधवार को वाशिंगटन में बोलते हुए रूट ने कहा था कि रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फ़ोन करना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि उन्हें शांति वार्ता (यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने) के बारे में गंभीर होना होगा। रूट ने कहा कि अन्यथा इसका ब्राज़ील, भारत और चीन पर व्यापक रूप से प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

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नाटो प्रमुख ने क्या कहा था?

रूट ने पत्रकारों से कहा, “इन तीन देशों को मेरा विशेष रूप से यह प्रोत्साहन है कि यदि आप अभी बीजिंग में रहते हैं, या दिल्ली में, या आप ब्राज़ील के राष्ट्रपति हैं, तो आपको इस पर गौर करना चाहिए, क्योंकि यह आपको बहुत प्रभावित कर सकता है।” केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी गुरुवार को कहा कि यदि रूसी आपूर्ति पर द्वितीयक प्रतिबंधों का प्रभाव पड़ता है, तो भारत इससे निपटेगा।

हरदीप पुरी ने एक कार्यक्रम में कहा, “भारत ने आपूर्ति के सोर्सेज में विविधता ला दी है और मुझे लगता है कि हम पहले जिन 27 देशों से तेल]ल खरीदते थे, अब उनकी संख्या लगभग 40 देशों तक पहुंच गई है। अगर कुछ होता है, तो हम उससे निपट लेंगे।”

नाटो प्रमुख की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बढ़ रही है, जो अमेरिका के साथ टैरिफ तनाव और रूस से भारत के निरंतर आयात, खासकर ऊर्जा क्षेत्र में, की जाँच-पड़ताल से और भी बढ़ गई है।

कुछ ही हफ़्ते पहले एक प्रस्तावित अमेरिकी विधेयक के तहत रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर 500 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच 50 दिनों के भीतर शांति समझौता नहीं हो जाता, तो रूसी निर्यात के खरीदारों पर 100 प्रतिशत तक का सेकेंडरी टैरिफ लगाया जाएगा। सेकेंडरी टैरिफ का मतलब है कि जो टैरिफ वर्तमान में लग रहा है, उसमें और 100 जोड़ दीजिए।