लद्दाख के फिंगर 4 और फिंगर 8 इलाकों के साथ ही पैंगोंग त्सो इलाके में चीनी घुसपैठ के बाद भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने आ गई हैं। हालांकि एनएसए अजीत डोवाल और चीन के विदेश मंत्री के बीच हुई बातचीत के बाद से तनाव में कमी आयी है और दोनों सेनाएं 1-2 किलोमीटर पीछे हटी हैं। हालांकि अब ताजा सैटेलाइट इमेज से खुलासा हुआ है कि फिंगर 4 इलाके में चाइनीज आर्मी ने बहुत कम संख्या में सैनिकों को पीछे हटाया है और अच्छी खासी तादाद में चीनी सेना अभी भी इस इलाके में डटी है।
स्काईसैट की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि पैंगोग त्सो इलाके में चीनी सैनिक पीछे हटे हैं। तस्वीरों से पता चला है कि फिंगर 4 इलाके में चीनी सेना ने अभी तक अपने बंकर और कुछ जगह से टेंट नहीं हटाए हैं। इंडिया टुडे ने इन सैटेलाइट इमेज के हवाले से यह खबर दी है। बता दें कि ताजा इमेज 10 जुलाई की बतायी जा रही है। चीनी सैनिकों का पीछे हटना जारी है और उम्मीद की जा रही है कि वह फिंगर 4 इलाके से भी जल्द ही पीछे हट जाएंगे।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, दोनों पक्षों ने विवाद वाली तीन जगहों गलवान घाटी, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स में 3 किलोमीटर का बफर जोन बना लिया है। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर सरकार से सवाल किया है कि वह इस बात का जवाब दें कि भारतीय जमीन पर चीन द्वारा कब्जा किए जाने के बाद से ऐसे क्या कदम उठाए गए हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि आगे से ऐसा नहीं होगा। इसके साथ ही राहुल गांधी ने एक स्वतंत्र तथ्यों की जांच के लिए मिशन का गठन करने की अपील की है, ताकि चीन द्वारा की गई घुसपैठ और जमीन कब्जाने की जांच की जा सके।
वहीं दोनों देशों के बीच लगातार सीमा पर तनाव को कम करने के लिए बातचीत जारी है। शुक्रवार को भी भारत और चीन के बीच संयुक्त सचिव स्तर की बातचीत हुई। जिसमें भारत की तरफ से पूर्वी एशिया के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव और चीन के विदेश मंत्रालय के महानिदेशक वू जियांगहो के बीच भारत चीन बॉर्डर अफेयर्स को-ऑर्डिनेशन मैकेनिज्म के तहत बातचीत हुई। दोनों देश द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के अनुसार, सीमा पर शांति और नियंत्रण रेखा से सैनिकों के बीच टकराव को पूरी तरह से खत्म करने पर सहमत हुए हैं।
इसके साथ ही शनिवार को भारत और चीन के बीच कोर कमांडर लेवल की चौथे चरण की बातचीत होगी। जिसमें भारत की तरफ से 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और चीन की तरफ से दक्षिण शिनजियांग मिलिट्री रीजन के कमांडर मेजर जनरल लिउ लिन शामिल होंगे।

